Rajasthan News: आज सरेंडर करेगा आसाराम, हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई टाली

Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट ने मंगलवार सुबह आसाराम की जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्टराजस्थान हाई कोर्ट ने मंगलवार सुबह आसाराम की जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह अर्जेंट सुनवाई का मामला नहीं है, इसलिए अब इस पर बुधवार को सुनवाई होगी।

April 1, 2025 - 12:15
April 1, 2025 - 12:49
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Rajasthan News: आज सरेंडर करेगा आसाराम, हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई टाली

Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट ने मंगलवार सुबह आसाराम की जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह अर्जेंट सुनवाई का मामला नहीं है, इसलिए अब इस पर बुधवार को सुनवाई होगी। इसका मतलब है कि आसाराम को आज ही पुलिस के सामने सरेंडर करना होगा और जोधपुर सेंट्रल जेल में वापस जाना पड़ेगा, जहां वह जमानत पर फैसले तक रहेगा। फिलहाल, वह जोधपुर के पाल गांव स्थित अपने आश्रम में रुका हुआ है और जल्द ही सरेंडर करने के लिए निकलने वाला है।

सुप्रीम कोर्ट से मिली थी अंतरिम जमानत

गौरतलब है कि दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को मेडिकल आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी को अंतरिम जमानत दी थी, जिसकी अवधि 31 मार्च को समाप्त हो गई।

गुजरात हाई कोर्ट से मिला था जमानत एक्सटेंशन

जमानत खत्म होने से पहले आसाराम के वकीलों ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर कर तीन महीने की जमानत अवधि बढ़वा ली थी। हालांकि, उसे राजस्थान हाई कोर्ट से भी जमानत मिलना जरूरी है। इसलिए, भले ही गुजरात हाई कोर्ट ने 30 जून तक जमानत दी हो, लेकिन राजस्थान में दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण उसे जोधपुर सेंट्रल जेल में रहना होगा।

जमानत के लिए दिए गए तर्क

आसाराम के वकीलों ने गुजरात हाई कोर्ट में जमानत बढ़ाने के लिए कई मेडिकल रिपोर्ट पेश कीं। उन्होंने दलील दी कि आसाराम 86 साल के हैं और इस उम्र में किसी भी तरह की इनवेसिव सर्जरी सहन करना मुश्किल होता है। उनके अनुसार, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दोषियों को भी स्वास्थ्य देखभाल का अधिकार है।

जोधपुर AIIMS की रिपोर्ट के मुताबिक, आसाराम को कोरोनरी आर्टरी डिजीज है और वह हाई-रिस्क कैटेगरी में आते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें विशेष नर्सिंग देखभाल, करीबी निगरानी और नियमित रूप से एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट की काउंसलिंग की जरूरत है। वकीलों का कहना है कि मेडिकल विशेषज्ञों की राय में उनकी स्थिति गंभीर है और उन्हें तत्काल उचित इलाज की आवश्यकता है।

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