National Herald case: क्या है नैशनल हेराल्ड केस और क्यों ईडी कर रही है सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ ?
National Herald corruption case: सोनिया गांधी से पूछताछ को कांग्रेस पार्टी ने राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया। इसे सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग तक बता डाला। खैर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के नेतृत्व में इस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया। पुलिस ने राहुल गांधी समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
National Herald case: जानिए क्या है नैशनल हेराल्ड केस और इसका इतिहास ?
● एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी AJL की स्थापना 1937 मे हुई थी जो की तब एक NGO था।
● नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना जवाहरलाल नेहरू ने 1938 में की थी।
● एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड AIL ने उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र और हिंदी में नवजीवन नाम से भी समाचार पत्र प्रकाशित किया।
● इस कंपनी के पास दिल्ली-मुंबई और देश के कई अन्य शहरों में 2000 करोड़ से अधिक की अचल संपत्ति है।
अब बात करते हैं नेशनल हेराल्ड केस के बैकग्राउंड की
● नेशनल हेराल्ड मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में निचली अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी।
● उन्होंने आरोप लगाया था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड YIL ने AJL के अधिग्रहण में कांग्रेस नेता ने धोखाधड़ी की और वो एक विश्वासघात में शामिल थे, क्योंकि ये सवाल करोड़ों रुपये की संपत्ति का था।
● कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी इसके निदेशक मंडल थे।
● इस मामले में कांग्रेस पार्टी के उस समय के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा और राज्यसभा सांसद और महासचिव ऑस्कर फर्नांडीस का नाम भी सामने आया था।
जानते हैं कब क्या हुआ?
● एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड AJL के ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती से और उसके राजस्व की कमी के कारण AJL घाटे में चला गया और अप्रैल 2008 में इसका प्रकाशन बंद हो गया।
● कांग्रेस पार्टी ने कंपनी को चालू रखने के लिए 2010 तक कुछ वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया।
● 2010 में, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नामक एक नई कंपनी को धारा 25 कंपनी के रूप में शामिल किया गया था। वहीं
● 2010 के अंत तक राहुल गांधी को यंग इंडियन का निदेशक बना दिया गया।
● तो साल 2011 में, सोनिया गांधी भी डायरेक्टर के रूप में बोर्ड में शामिल हुईं।
● इन दिनों मोतीलाल वोरा और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ऑस्कर फर्नांडीस को भी यंग इंडियन बोर्ड में नियुक्त किया गया था।
● मार्च 2017 तक, कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38 फीसदी हिस्सेदारी बन गई थी।
● 2010 में, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने यंग इंडियन को AJL से 90 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली करने का फैसला किया।
● इसके अलावा यंग इंडियन ने देश में अपनी सभी संपत्तियों के साथ AJL की सभी इक्विटी प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया।
● इस तरह एजेएल, जिसका मूल रूप से कांग्रेस पार्टी पर 90 करोड़ रुपये बकाया था, यंग इंडियन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई, जिसके मालिक राहुल, सोनिया, वोरा और फर्नांडीस थे।
● इसलिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर अपनी निजी कंपनी (YIL) के माध्यम से सार्वजनिक रूप से लिमिटेड कंपनी (AJL) का अधिग्रहण करके धोखाधड़ी और भूमि हथियाने का आरोप लगाया गया है।
● शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि एजेएल को दिया गया ऋण "अवैध" था, क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था।
अब जानते हैं कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस पूरी रिपोर्ट पर क्या नजर बनी रही?
● विभाग ने कहा कि यंग इंडियन में राहुल के शेयरों से 154 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि पहले 68 लाख रुपये का आकलन किया गया था।
● इसने 2011-12 के लिए YIL शेयरधारकों के रूप में होने वाली आय का कथित रूप से खुलासा नहीं करने के लिए सोनिया और फर्नांडीस को इसी तरह के नोटिस जारी किए।
● कर विभाग ने इन शेयरों के उचित बाजार मूल्य की गणना के लिए मूल्यांकन को फिर से खोलने की मांग की।
● हाल ही में आयकर विभाग ने भी कांग्रेस अध्यक्ष को कथित रूप से यंग इंडियन के निदेशक के रूप में अपनी स्थिति के बारे में जानकारी छिपाने के लिए एक नोटिस जारी किया था।
सोनिया गांधी से पूछताछ को कांग्रेस पार्टी ने राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया। इसे सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग तक बता डाला। खैर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के नेतृत्व में इस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया। पुलिस ने राहुल गांधी समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
और ED के तमाम नोटिस जारी करने के बाद सोनिया गांधी से बुधवार यानी 27 जुलाई तक 11 घंटे की कड़ी पूछताछ की गई। हालांकि बुधवार को ED ने सोनिया को अगला समन जारी नहीं किया जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद अब सोनिया को राहत मिलेगी।