Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स वायरस क्या है और यह कितना खतरनाक है? जानिए इससे जुड़े लक्षण और सावधानियां
Monkeypox Virus:मंकीपॉक्स चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स की तरह ही एक ओर्थोंपॉक्सवायरस है, लेकिन मृत्यु दर के मामले में यह स्मॉलपॉक्स से कम प्रोब्लमेटिक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार मंकीपॉक्स से अब तक 19 देश प्रभावित हो चुके हैं और 131 से ज्यादा लोग मंकीपॉक्स से पीड़ित हैं। देखने में शरीर पर बड़े-बड़े फोड़े और फफोले वाले इस मंकीपॉक्स (Monkeypox) के और भी कई लक्षण (Sympotoms) हैं, जिनसे आप शायद अंजान होंगे। किसी भी वायरस की तरह मंकीपॉक्स वायरस से बचने के लिए भी कुछ जरूरी सावधानी (Precautions) बरतना बेहद जरूरी है जिसके लिए इसकी सही जानकारी होना बेहद आवश्यक है।
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस सीनियर फर्मास्यूटिकल एनालिस्ट सैम फजेली (Sam Fazeli) के अनुसार, मंकीपॉक्स चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स की तरह ही एक ओर्थोंपॉक्सवायरस है, लेकिन मृत्यु दर के मामले में यह स्मॉलपॉक्स से कम प्रोब्लमेटिक है। मंकीपॉक्स अपने नाम के अनुसार बंदरों से फैलने वाला वायरस बिल्कुल भी नहीं है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
• मंकीपॉक्स (Monkeypox) से पीड़ित व्यक्ति के शरीर से निकले संक्रमित फ्लूइड (Contaminated Fluids) के संपर्क में आने से फैलता है, खासकर अगर व्यक्ति पीड़ित के अत्यधिक करीब आता है तब इसके फैलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
• मंकीपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आई सतह को छूने पर भी व्यक्ति मंकीपॉक्स से पीड़ित हो सकता है।
• कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक़ मंकीपॉक्स पीड़ित व्यक्ति के साथ सेक्स करने या शारीरिक रूप से करीब आने पर भी फैल सकता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
• मंकीपॉक्स की शुरुआत सिरदर्द और बुखार से होती है. आमतौर पर इसके शुरुआती लक्षण किसी सामान्य वायरल इन्फेक्शन (Infection) जैसे ही होते हैं।
• व्यक्ति के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने लगती है. शरीर का तापमान बढ़ने लगता है और शरीर में कई तरह के केमिकल्स रिलीज होने लगते हैं जिनसे मसल्स में दर्द रहता है।
• 1 से 2 हफ्तों के बीच कई लोगों के शरीर में रैशेज होने लगते हैं जो आगे चलकर फोड़े बन जाते हैं।
• फोड़े (Pustules) होने पर बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा होता है।
मंकीपॉक्स से सावधानी
• मंकीपॉक्स वायरस से पीड़ित होने के कुछ दिनों बाद वैक्सीन (Vaccine) लगवा लेने पर इससे बचा जा सकता है।
• यह कोविड से कम संक्रामक वायरस है, इसलिए बहुत ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं होती।
•यह बहुत जल्दी नहीं फैलता, संक्रमित व्यक्ति से आवश्यक दूरी बनाए रखने पर संक्रमण से बचा जा सकता है।