World Heart Day: जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व ह्रदय दिवस, क्या है इतिहास?
प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को सम्पूर्ण विश्व में विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को हृदय संबंधित रोगो के प्रति जागरुक करने के साथ-साथ , उसकी रोकथाम और वैश्विक स्तर पर हो रहे उसके प्रभावों को रोकना है।
हृदय को प्रत्येक व्यक्ति के जीवन जीने का आधार कहा जा सकता है। हृदय मानव जीवन की वह रेखा है जिसके न होने से मानव जीवन समाप्त हो जाता है इसलिए हृदय को स्वस्थ रखना अतिआवश्यक है। इसी कारण प्रत्येक वर्ष संपूर्ण विश्व में 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है।
हृदय दिवस का इतिहास:
विश्व हृदय दिवस प्रत्येक वर्ष 29 सितम्बर को मनाया जाता है जिसे विश्व हृदय संघ प्रत्येक वर्ष मनाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को हृदय रोगों के बारे में जानकारी देना और उसके प्रति जागरुक करना था। यह वैश्विक स्तर का अभियान है जिसके अंतर्गत हृदय संबंधी बीमारियों के खिलाफ मिलकर लड़ना शामिल है। साथ ही इसका उद्देश्य लोगों को स्वस्थ हृदय के साथ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना है।
विश्व हृदय संघ ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से इस दिवस की स्थापना की थी। विश्व हृदय दिवस को मनाए जाने की परिकल्पना 1977 से 1999 के मध्य विश्व हृदय संघ के अध्यक्ष एंटोनी बेयस डी लूना द्वारा की गई थी। इस वार्षिक दिवस का प्रथम आयोजन 24 सितम्बर, 2000 को हुआ था। वर्ष 2011 तक यह दिवस सितम्बर माह के अंतिम रविवार को मनाया जाता था। इसके पश्चात 2014 से इस दिवस के लिए 29 सितम्बर का दिन तय कर दिया गया।
विश्व हृदय दिवस के मनाए जाने का कारण:
आज की जीवनशैली, व्यस्तता, तनाव और अनियमित दिनचर्या से भरी हुई है। व्यक्ति अपनी व्यस्तता के कारण अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना भूल जाता है। आज के जंक फूड के दौर में वह जंक फूड ही खाना पसंद भी करता है जिनमें हृदय को नुकसान पहुंँचाने की भरपूर क्षमता होती है। साथ ही अपनी जीवन शैली में ऐसी वस्तुओं का सेवन शामिल कर लेतें हैं जो हृदय को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं जिसमें धूम्रपान तथा वसायुक्त भोजन शामिल है। इसीलिए लोगों को हृदय की महत्वता बताने के लिए यह दिवस मनाया जाता है ताकि लोग अपने हृदय को स्वस्थ रखें और हृदय रोगों से बचे रहें।
इस दिवस को मनाने का मुख्य कारण हृदय रोगों के प्रति जनमानस के मध्य जागरुकता फैलाना है जिसके अंतर्गत इसकी रोकथाम और इसके प्रभाव शामिल हैं। पूरा विश्व हृदय रोगों से प्रभावित है। एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 10.2 करोड़ के आस-पास व्यक्ति दिल के रोगी हैं। संपूर्ण विश्व में 1.73 करोड़ व्यक्ति प्रत्येक वर्ष हृदय रोग के कारण अपनी जान गवा देते हैं।
हृदय रोग के कारण:
- अनियमित जीवनशैली।
- धूम्रपान का सेवन।
- मोटापा।
- वसायुक्त भोजन का सेवन।
- मधुमेह।
- उच्च रक्तचाप ।
- अत्यधिक तनाव ।
यह सभी कारण हृदय को किसी न किसी तरह से नुकसान पहुँचाते हैं। अतः इस हृदय दिवस पर एक प्रण जरूर लें कि हृदय को स्वस्थ रखने के लिए हम अपना बेहतर प्रयास करेंगे।
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