Barmer Jaisalmer Loksabha: बाड़मेर की लोकसभा सीट पर क्या है जातीय समीकरण और बीजेपी की राह को कठिन बनाने वाले उम्मेदाराम बेनीवाल कौन ?
पिछली बार के चुनावों में सभी 25 सीटों पर क्लीन स्वीप करने वाली बीजेपी ने इस बार भी बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर अपने प्रत्याशी के रूप में कैलाश चौधरी को कमान दी है परंतु इस बार कॉंग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदाराम ने बीजेपी की राह को मुश्किल बना दिया है।
राजस्थान के पहले चरण के चुनाव पूरे होने के बाद अब आने वाली 26 तारीख को दूसरे चरण के चुनाव होंगे। 26 को होने वाले चुनावों में जिन सीटों पर बीजेपी के लिए राह कठिन है उनमें से एक सीट है बाड़मेर।
पिछली बार के चुनावों में सभी 25 सीटों पर क्लीन स्वीप करने वाली बीजेपी ने इस बार भी बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर अपने प्रत्याशी के रूप में कैलाश चौधरी को कमान दी है परंतु इस बार कॉंग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदाराम ने बीजेपी की राह को मुश्किल बना दिया है। वहीं इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी रवींद्र सिंह भाटी भी बीजेपी के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। जिसके पीछे का बड़ा कारण राजपूत वोटों के बीजेपी से हटकर भाटी की तरफ मुड़ना संभावित माना जा रहा है।
क्या है इस सीट पर जातीय समीकरण ?
लोकसभा की बाड़मेर-जैसलमेर सीट के जातीय आंकड़ों पर गौर करें तो इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 21,60,000 है,जिसमें जाट मतदाताओं की संख्या 4.5 लाख है, वहीं राजपूत 3 लाख, वहीं, मुस्लिम समाज के भी 2.70 लाख के करीब मतदाता हैं। जबकि SC व ST को मिलाकर 4 लाख करीब वोट है. तो वहीं जाटों के अलावा ओबीसी के अन्य 6.5 लाख वोट हैं। साथ ही ब्राह्मण मतदाता 80 हजार व 1 लाख अन्य मतदाता हैं।
कौन हैं उम्मेदाराम बेनीवाल ?
विचारधारा कोई भी हो पर अपना भाईचारा कायम रहना चाहिए। #शिक्षा_ही_संकल्प pic.twitter.com/hfkROypRXe — Ummeda Ram Beniwal (@UmmedaRamBaytu) April 2, 2024
उम्मेदाराम बेनीवाल आरलपी के चीफ हनुमान बेनीवाल के काफी नजदीकी माने जाते हैं। वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान काँग्रेस का दामन थामने से पहले पिछले दो विधानसभा चुनावों में आरलपी से ही चुनाव लड़ा था। जहां उन्हें जीत नहीं मिली लेकिन उन्हें मिले समर्थन को देखकर उनकी लोकप्रियता को समझा जा सकता है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में वो कांग्रेस के हरीश चौधरी से 13803 वोटों से हारे थे। लेकिन 2023 में उन्होंने कांग्रेस के हरीश चौधरी को कड़ी टक्कर दी और इस चुनाव में चौधरी को 76821 और उम्मेदाराम को 75911 वोट मिले थे और हार का अंतर मात्र 910 वोट थे।