Education Minister Chandrashekhar Controversy: रामचरितमानस के बारे में ये क्या कह दिया Bihar के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने
Education Minister Chandrashekhar: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दावा किया कि तुलसीदास की मनुस्मृति, रामचरित मानस और माधव सदाशिवराव गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स जैसी किताबों ने देश के 85 %आबादी को पिछड़े रखने की दिशा में काम किया है।
Education Minister Chandrashekhar Controversy: नालंदा विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है। कार्यक्रम के दौरान रामचरितमानस के कई दोहों को पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला है। इससे समाज में विसंगतियां पैदा होती हैं उन्होंने आगे कहा कि रामचरितमानस समाज को जोड़ने की बजाए तोड़ने वाला ग्रंथ है। यह दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को न सिर्फ पढ़ाई से बल्कि उन्हें हक दिलाने से भी रोकता है। मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया है।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दावा किया कि तुलसीदास की मनुस्मृति, रामचरित मानस और माधव सदाशिवराव गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स जैसी किताबों ने देश के 85 %आबादी को पिछड़े रखने की दिशा में काम किया है, हिंदू ग्रंथ रामचरितमानस को मनुस्मृति की तरह जलाया जाना चाहिए, क्योंकि यह समाज में जाति विभाजन को बढ़ावा देता है।