Hariyali Amavasya: आज है हरियाली अमावस्या,जानिए इससे जुड़ी खास बातें
Hariyali Amavasya: हरियाली अमावस्या के दिन आम, आंवला, पीपल, बरगद, और नीम आदि के पौधें लगाने से जीवन में सुख , शांति, और समृद्धि बनी रहती है। हरियाली अमावस्या का पर्व जीवन में पर्यावरण के महत्व को भी बताता है ।
हरियाली अमावस्या का त्योहार श्रावणी महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या और सावन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली अमावस्या का संबंध प्रकृति, पितृ देव और भगवान शिव से है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन नए पौधों को लगाना अच्छा होता है। और साथ ही साथ पितृ पूजा, पिंडदान, और श्राद्ध कर्म के लिए आज का दिन उत्तम है। इस दिन जाने अनजाने में की गई गलतियों के लिए पितरों से क्षमा मांगनी चाहिए और सूर्यदेव को जल अर्पण करके तुलसीजी की परिक्रमा करनी चाहिए।
हरियाली अमावस्या के दिन आम, आंवला, पीपल, बरगद, और नीम आदि के पौधें लगाने से जीवन में सुख , शांति, और समृद्धि बनी रहती है। हरियाली अमावस्या का पर्व जीवन में पर्यावरण के महत्व को भी बताता है ।
चलिए आज हम जानते हैं कि हरियाली अमावस्या के दिन क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए :-
1- आज के दिन पेड़ पौधे लगाना चाहिए और उनकी देखभाल भी करनी चाहिए।
2- पितृ की आत्मा की शांति और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दान करना चाहिए।
3- माता पार्वती और शिव जी की पूजा करनी चाहिए।
4- पीपल के पेड़ को भोग लगाना चाहिए।
5- ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
क्या नहीं करना चाहिए :-
1-आज के दिन जानवरो को भूल से भी मारना नहीं चाहिए, क्योंकि पितरों की पहचान में कोई न कोई रूप लेकर आते है।
2- पेड़ पौधो और उनके पत्तियों को तोड़ना और काटना नहीं चाहिए।
3-घर आए किसी भी भिखारी को खाली हाथ ना भेजें।
4- किसी को कष्ट ना दे अपनी वाणी से, साथ ही साथ झूठ ना बोलें , निंदा ना करें, चुगली ना करें।
तो चलिए इस अवसर पर वृक्षारोपण कर प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाए और चारों तरफ हरियाली ही हरियाली फैलाए।