Rajasthan News: जोधपुर की मशहूर 6 इंच लंबी लाल मिर्च को मिलने वाला है GI टैग?

Rajasthan News: जोधपुर: जोधपुर जिले के मथानिया क्षेत्र की प्रसिद्ध लाल मिर्च को भौगोलिक संकेतक (जीआई टैग) दिलाने की प्रक्रिया आगे बढ़ गई है.

April 4, 2025 - 09:38
April 4, 2025 - 13:31
 0
Rajasthan News: जोधपुर की मशहूर 6 इंच लंबी लाल मिर्च को मिलने वाला है GI टैग?

Rajasthan News: जोधपुर: जोधपुर जिले के मथानिया क्षेत्र की प्रसिद्ध लाल मिर्च को भौगोलिक संकेतक (जीआई टैग) दिलाने की प्रक्रिया आगे बढ़ गई है. राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के वित्तपोषित कार्यक्रम के तहत तिंवरी की फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ने इसके लिए आवेदन किया था. चैन्नई स्थित भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री कार्यालय ने अब इस आवेदन को स्वीकार कर लिया है.

आगामी दो से तीन वर्षों में इस पर आपत्तियों सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी, जिसके बाद मथानिया मिर्च को जीआई टैग प्रदान किया जाएगा. इस टैग के माध्यम से मथानिया मिर्च के किसानों को देशभर में एक विशिष्ट पहचान मिलेगी.

राजस्थान की अन्य वस्तुएं भी मिली हैं जीआई टैग

इससे पहले नाबार्ड के सहयोग से राजस्थान की पाँच पारंपरिक कलाओं और उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है:

  • जोधपुरी बंधेज
  • नाथद्वारा पिछवाई चित्रकला
  • उदयपुर मेटल कोतकला
  • बीकानेरी उस्ता कला
  • बीकानेरी कशीदाकारी

अब तक राजस्थान की 21 वस्तुओं को जीआई टैग मिला

राजस्थान की कई अन्य प्रसिद्ध वस्तुएं पहले ही जीआई टैग प्राप्त कर चुकी हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • बगरू हैंड ब्लॉक प्रिंट
  • ब्लू पॉटरी जयपुर
  • कठपुतली कला
  • कोटा डोरिया
  • सांगानेरी हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग
  • थेवा आर्ट वर्क
  • बीकानेरी भुजिया
  • मकराना मार्बल
  • सोजत मेहंदी
  • पोकरण पॉटरी
  • पिछवाई कला नाथद्वारा
  • कोतगिरी (उदयपुर)

जोधपुरी साफा और लहरिया के लिए भी प्रयास जारी

नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक मनीष मण्डा के अनुसार, जोधपुरी साफे और लहरिया के लिए भी जीआई टैग दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए वेलफेयर सोसाइटी के माध्यम से आवेदन किया जाएगा.

क्यों प्रसिद्ध है मथानिया की मिर्च?

  • इसका रंग चमकीला लाल होता है.
  • यह छह इंच लंबी और तीखे स्वाद वाली होती है.
  • इसकी बाहरी सतह मोटी होती है, जिससे यह मिर्ची पाउडर और अन्य व्यंजनों के लिए उपयुक्त मानी जाती है.
  • सर्द मौसम में पकने के कारण इसका रंग और स्वाद और भी बेहतर हो जाता है.

क्या होता है जीआई टैग?

संसद ने 1999 में “जियोग्राफिकल इंडिकेशन ऑफ गुड्स (रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन) अधिनियम” लागू किया था. इस अधिनियम के तहत, किसी विशेष क्षेत्र में पाई जाने वाली विशिष्ट वस्तु को कानूनी संरक्षण दिया जाता है. जीआई टैग मिलने के बाद कोई भी अन्य निर्माता इस विशिष्ट नाम का दुरुपयोग नहीं कर सकता.

पढ़ें ये खबरें

News Desk Lokdoot thelokdoot.com Contact Us..For Any Query.