JNU में श्री राम के अपमान को लेकर छात्र गुटों में तकरार, एबीवीपी ने की माफी की मांग
JNU के साबरमती लॉन में आयोजित बैठक में रिप्रेजेंटेशन को तवज्जो नहीं देने और श्री राम के बारे में अभद्र टिप्पणी को लेकर छात्र गुटों में टकराव की घटना सामने आई है।
JNU के साबरमती लॉन में आयोजित यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग में छात्र संगठनों में तकरार होने की घटना सामने आई है। बता दें कि इंटरनल कमिटी (IC) के चुनावों और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों पर चर्चा हेतु बैठक बुलाई गई थी जहां इस बैठक में, JNUSU द्वारा महिला प्रतिनिधि को मंच देने से इंकार करने तथा चुने हुए काउंसलर्स को आवाज़ उठाने का मौका नहीं दिए जाने के आरोप एबीवीपी द्वारा लेफ्ट पर लगाए गए हैं। वहीं यह भी सामने आया है कि एक वामपंथी कार्यकर्ता ने मंच से भगवान श्रीराम के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की, जिससे आहत होकर छात्रों ने जमकर विरोध किया और माफी की मांग की। वहीं राइट विंग छात्रों का यह भी कहना है कि जेएनयूएसयू के लेफ्ट समर्थित नेता छात्रों की भावनाओं को नजरअंदाज करते हुए UGBM को बीच में ही रोक कर चले गए और विरोध करने वाले छात्रों को धमकाने का भी प्रयास किया गया तथा अपनी टिप्पणी के लिए माफी भी नहीं मांगी।
इस घटना पर ABVP JNU इकाई के अध्यक्ष राजेश्वरकांत दुबे ने इस घटना के बारे में कहा कि "लेफ्ट ने योजनाबद्ध तरीके से भगवान श्रीराम का अपमान किया है और यह पहली बार नहीं है। हर GBM को हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के मंच के रूप में उपयोग किया जाता है। JNU प्रशासन को इस तरह के आपत्तिजनक व्यवहार के लिए जिम्मेदार छात्रों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि विश्वविद्यालय की छवि को बदनामी से बचाया जा सके।"
वहीं ABVP JNU इकाई की मंत्री शिखा स्वराज ने की इस घटना पर टिप्पणी यह थी कि, "महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा के बावजूद एक भी महिला प्रतिनिधि को मंच न देना लेफ्ट की तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है। यह कोई संयोग नहीं है; कुछ ही दिन पहले जामिया यूनिवर्सिटी में दीपावली के दौरान छात्रों पर हमला और आपत्तिजनक नारे लगाने की घटना भी इसी सोच का उदाहरण है। आज JNU में भी उसी विचारधारा के तहत श्रीराम का अपमान करने का प्रयास हुआ। ABVP भगवान श्रीराम के सम्मान की रक्षा के लिए अंत तक खड़ा रहेगा और किसी भी तरह के अपमान का कड़ा जवाब देगा।"