कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव 2024: आध्यात्मिकता, संस्कृति और शिल्प का संगम
Gita Jayanti Mahotsav 2024: गीता जयंती महोत्सव 2024, कुरुक्षेत्र में, आध्यात्मिकता, भारतीय संस्कृति, शिल्प कला और अंतरराष्ट्रीय सहभागिता को बढ़ाने में अपना योगदान दे रहा है।
Geeta Jayanti Mahotsav 2024: हरियाणा के ऐतिहासिक शहर कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव 2024 का आयोजन 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक धूमधाम से हो रहा है। इस महोत्सव का उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए गीता उपदेश के सार्वभौमिक संदेश का प्रचार-प्रसार करना है। इस वर्ष की थीम "गीता: आध्यात्मिक जागृति का मार्ग" रखी गई है, जिसमें न केवल भारतीय बल्कि विदेशी कलाकारों, शिल्पकारों और श्रद्धालुओं की भी भागीदारी देखने को मिल रही है।
मुख्य आकर्षण
1. सारस और शिल्प मेले: ब्रह्मसरोवर के किनारे 650 से अधिक स्टॉल लगे हैं, जिनमें 20 से अधिक राज्यों के शिल्पकार और 400 से अधिक राष्ट्रीय व राज्य पुरस्कार विजेता अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं।
2. संस्कृतिक कार्यक्रम: 5 से 11 दिसंबर तक आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों में नृत्य, संगीत और रंगारंग झांकियां प्रस्तुत की जाएंगी।
3. दीपोत्सव और संत सम्मेलन: इस महोत्सव के दौरान गीता के ज्ञान को प्रचारित करने के लिए संत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। दीपोत्सव के माध्यम से कुरुक्षेत्र की आध्यात्मिकता को रोशन किया जाएगा।
4. विदेशी सहभागिता: इस वर्ष तंजानिया सहित कई देशों ने महोत्सव में भाग लिया, जो गीता के सार्वभौमिक महत्व को दर्शाता है।
राज्य सरकार का योगदान
हरियाणा सरकार ने महोत्सव को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्थाएं की हैं। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उद्घाटन के दौरान गीता के अमर संदेश पर प्रकाश डाला था और इसे आज के समय में भी प्रासंगिक बताया था।
संदेश
गीता जयंती महोत्सव 2024 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, शिल्प और आध्यात्मिकता का वैश्विक मंच भी है। यह हमें गीता के सार्वकालिक संदेश को आत्मसात करने और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करता है।