भारत–ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता(ECTA): जानिए समझौते की कुछ खास बातें
IndAus ECTA: पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भारत–ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत–ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए एक दशक से अधिक समय के बाद किसी विकसित देश के साथ भारत का पहला व्यापारिक समझौता है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई ईसीटीए क्रमशः भारत और ऑस्ट्रेलिया के सभी टैरिफ लाइनों को कवर करती है। इस समझौते पर भारत सरकार के साथ–साथ वाणिज्य और उद्योग मंत्री, उपभोक्ता मामले के मंत्री, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, टेक्सटाइल मंत्री, पीयूष गोयल, व्यापार मंत्री, पर्यटन एवं निवेश मंत्री, ऑस्ट्रेलिया सरकार, श्री डैन तेहान तथा एमपी ने हस्ताक्षर किए है।
भारत–ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए की मुख्य विशेषताएं
भारत ने कई दशकों के बाद किसी विकसित देश से इस प्रकार का समझौता किया है। इस समझौते में दो मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों में पूर्ण सहयोग शामिल है, साथ ही विभिन्न वस्तुओं के व्यापार, उत्पत्ति के नियम, सेवाओं में व्यापार, व्यापार के तकनीकी बाधाओं को कम करना, स्वच्छता और फाइटोसैनिटरी जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों को शामिल करने के साथ–साथ यह समझौता व्यापारिक समस्याओं का समाधान, विवाद निपटान, व्यक्तियों कि आवाजाही, दूरसंचार, सीमा शुल्क प्रक्रियाएं, फार्मास्यूटिकल उतापद एवं अन्य क्षेत्रों में सहयोग भी करेगा।
समझौते से पड़ने वाले प्रभाव
ईसीटीए दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और सुधारने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है।भारत को अपनी 100% टैरिफ लाइनों पर ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रदान कि जाने वाली बाजार पहुंच से लाभ होगा। इसमें रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, फर्नीचर, भोजन और कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, चिकित्सा उपकरण और ऑटोमोबाइल जैसे भारत में निर्यात हित के सभी श्रम प्रधान क्षेत्र शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर, भारत ऑस्ट्रेलिया को अपनी 70% से अधिक टैरिफ लाइनों पर पहुंच की पेशकश करेगा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया की निर्यात ब्याज की लाइनें शामिल हैं जो मुख्य रूप से कच्चे माल और बिचौलिये जैसे कोयला, खनिज अयस्क और वाईन आदि हैं।
सेवाओं में व्यापार के संबंध में ऑस्ट्रेलिया ने लगभग 135 उप क्षेत्रों और सबसे पसंदीदा राष्ट्र में 120 उप क्षेत्रों में व्यापक इच्छा की पेशकश की है जिनमें आईटी, आईटीईएस, व्यापार सेवाओं, स्वास्थ्य, शिक्षा और ऑडियो विजुअल जैसे भारत के हित क्षेत्रों को कवर किया है। इन क्षेत्रों के साथ ही भारत ने भी ऑस्ट्रेलिया से कुछ प्रमुख प्रस्तावों को शामिल किया है जिनमें शेफ और योग शिक्षकों के लिए कोटा, पारस्परिक आधार पर भारतीय छात्रों के लिए 2–4 साल का पोस्ट स्टडी वर्क वीजा, व्यावसायिक सेवाओं और अन्य लाइसेंस प्राप्त या विनियमित व्यवसायों की पारस्परिक मान्यता, युवा पेशेवरों के लिए कार्य और अवकाश वीजा व्यवस्था शामिल है।
इस समझौते को लेकर गोयल ने कहा कि आगामी 5 वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 2700 करोड़ से 4500–5000 करोड़ रुपए तक ले जाने में मदद मिलेगी। ऑस्ट्रेलिया पहले दिन से लगभग 96.4% निर्यात के लिए भारत को शून्य शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। बता दें कि इसमें ऐसे कई उत्पाद शामिल हैं जिन्हें वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में लगभग 5% सीमा शुल्क भुगतान करना पड़ता है।