नागालैंड ,असम व मणिपुर राज्यों से अफ्स्पा (AFSPA) के आकार को किया गया कम
शाह ने ट्विटर पर लिखा, एक अहम कदम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत सरकार ने नागालैंड, असम और मणिपुर में दशकों बाद अफ्स्पा (AFSPA) के तहत आने वाले अशांत इलाकों को घटाने का फैसला किया है।
हाल ही में गुरुवार को भारत सरकार ने दशकों बाद नागालैंड, असम व मणिपुर राज्यों में से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम(AFSPA) को कुछ क्षेत्रों से हटाने का फैसला लिया है. हालांकि आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह इन राज्यों से पूरी तरह नहीं हटा है.बल्कि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें अब शांति कायम है वहां से इसको हटा दिया गया है. यह नियम 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी हो जाएगा .गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
अमित शाह ने क्या लिखा ट्विटर पर
शाह ने ट्विटर पर लिखा, एक अहम कदम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत सरकार ने नागालैंड, असम और मणिपुर में दशकों बाद अफ्स्पा (AFSPA) के तहत आने वाले अशांत इलाकों को घटाने का फैसला किया है. गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा में सुधार, निरंतर प्रयासों के कारण तेजी से हुए विकास, मोदी सरकार द्वारा उग्रवाद खत्म करने के लिए किए गए कई समझौतों और पूर्वोत्तर में स्थायी शांति के फलस्वरूप अफ्स्पा(AFSPA) के तहत आने वाले इलाकों को घटाया जा रहा है.
अफ्स्पा(AFSPA) क्या है?
अफ्स्पा(AFSPA) अर्थात आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट. यह एक्ट भारतीय सशस्त्र बल को एक विशेष शक्ति प्रदान करता है. यह अशांत क्षेत्रों में लागू किया जाता है. यह सुरक्षा बलों को कोई अभियान चलाने ,संदिग्ध व्यक्ति पर गोली चलाने, तलाशी लेने ,छापा मारने एवं बिना वारंट के किसी व्यक्ति पर सन्देह होने पर उसे गिरफ्तार करने जैसे तमाम अधिकार प्रदान करता है .वही बात की जाए अगर सुरक्षाबलों की गोली से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो यह उन्हें गिरफ्तारी और दंड से संरक्षण प्रदान करता है.
अफ्स्पा(AFSPA) कब आया
यह एक्ट वर्ष 1942 में अंग्रेजों के द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन को कमजोर करने के लिए लाया गया था. आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसे जारी रखना उचित समझा. बाद में 11 सितंबर 1958 को संसद में इस एक्ट को मंजूरी मिलने के बाद अफ्स्पा(AFSPA) बना. सबसे पहले इसे पूर्वोत्तर राज्यों में लगाया गया था.
किस राज्य से पहले हटा और किन - किन राज्यों में अभी भी लागू है
पंजाब राज्य से सबसे पहले साल 2008 में अफ्स्पा(AFSPA) को हटाया गया था. बाद में इसे त्रिपुरा और मेघालय से भी हटाया गया. जैसा कि यह कानून अशांत क्षेत्रों में लागू किया जाता है. फिलहाल यह जम्मू कश्मीर, मिजोरम, असम ,मणिपुर ,नागालैंड एवं अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू है. जहां आतंकवाद फैला है.
अफ्स्पा(AFSPA) को हटाने की मांग किस राज्य से उठी थी
इस कानून के कड़े प्रावधानों के कारण समूचे पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर से इसे पूरी तरह हटाने के लिए समय-समय पर प्रदर्शन देखने को मिले. हालांकि अफ्स्पा(AFSPA) को हटाने की बात की जाए तो यह नागालैंड राज्य से जोर शोर से उठी थी. पिछले साल 4 दिसंबर को जब सशस्त्र बल ने नागालैंड के मोन जिले में एक गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी. ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें शक था कि उसमें आतंकवादी हैं लेकिन ऐसा था नहीं और उस गाड़ी में मजदूर सवार थे. इसके बाद से ही अफ्स्पा(AFSPA) को हटाने के लिए मणिपुर ,मेघालय और असम राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए थे.