उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मृत्यु हो गई। सूत्रों के मुताबिक जेल में बंद मुख्तार की तबीयत बिगड़ने पर जेल प्रशासन ने उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था, तबीयत में कोई सुधार न होने पर उसे आईसीयू से सीसीयू में भर्ती करना पड़ा। हाई प्रोफाइल केस होने की वजह से 9 डॉक्टरों का पैनल इसकी निगरानी कर रहा था। हालांकि मुख्तार को बचाया नहीं जा सका।
इससे पहले भी मंगलवार को माफिया मुख्तार की तबीयत खराब होने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। तब डॉक्टर ने उसे कब्ज की समस्या बताई थी और इलाज के बाद वापस जेल भेज दिया था। तबीयत खराब होने के बाद से ही जेल प्रशासन मुख्तार के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क था, बुधवार को भी उसके स्वास्थ्य की जांच की गई थी, जिसमें सब कुछ सामान्य पाया गया था।
पहले ही जताई थी अंसारी ने मृत्यु की आशंका
पहले भी सुनवाई के दौरान माफिया मुख्तार अंसारी ने कोर्ट के सामने अपनी जान का डर होने की दलील दी थी। मुख्तार ने आशंका जताई थी कि जेल में उसे जान से मारने की कोशिश की जा रही है और उसे खाने के जरिए धीमा जहर दिया जा रहा है, जिससे उसकी तबीयत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया था और जेल प्रशासन से रिपोर्ट भी मांगी थी।
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने अंसारी की मृत्यु पर प्रदेश सरकार को घेरा
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार की गुरुवार देर रात मौत हो गई, जिसके बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा, अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा , "हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। ये यूपी में ‘कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।"
मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू
60 वर्षीय मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत के बाद राज्य सरकार ने गाजीपुर और मऊ समेत अन्य संवेदनशील जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस लाइन से भारी संख्या में फोर्स तैनात की जा रही है। अंसारी की मौत की खबर मिलते ही मऊ, बांदा और गाजीपुर समेत आसपास के अन्य जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है।