Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका भारत से $500 की सहायता राशि की कर रहा मांग
Sri Lanka Crisis: पिछले कई महीनों से, श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक मंदी के बीच रहा है, जिसके कारण पूरे देश में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने अपने ईंधन आयात को बढ़ाने के लिए भारत से 500 मिलियन डॉलर की नई सहायता लेने का फैसला किया है। हालात ऐसे हैं कि हफ्तों से, नागरिकों को पेट्रोल या डीजल के लिए पेट्रोल पंप के बाहर कभी-कभी पूरे दिन या रात में लंबे समय तक लाइन में लगे रहना पड़ रहा है।
ईंधन की अनुपलब्धता के कारण सार्वजनिक परिवहन ठप हो गया है, व्यवसाय प्रभावित हुए हैं और स्कूल बंद रहने के लिए मजबूर हैं क्योंकि छात्र आने-जाने में असमर्थ हैं। पिछले कुछ दिनों में, श्रीलंका के सोशल मीडिया पर यह देखने को मिला हैं कि कई परिवारों को आपातकालीन चिकित्सा देखभाल तक पहुंचने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। सरकार ने "गैर-निबंध" कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है ताकि ईंधन की खपत को बचाया जा सके।
श्रीलंकाई विद्युत और ऊर्जा मंत्री द्वारा भारत सरकार से $500 मिलियन मूल्य की अल्पकालिक ऋण सुविधाओं की एक श्रृंखला प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, ताकि श्रीलंका अपनी जरूरत के अनूरूप पेट्रोलियम उत्पादों का क्रय कर सके। बता दें कि हाल के समय में श्रीलंका का फॉरेन एक्सचेंज भी खत्म हो गया है।
श्रीलंका में ईंधन की कीमतों में मंगलवार को रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई, क्योंकि डीजल पहले 289 श्रीलंकाई रुपये($ 0.80) प्रति लीटर बेचा जाता था, अब इसकी कीमत 400 श्रीलंकाई रुपये है, जो 38% की छलांग को दर्शाता है। पेट्रोल की कीमतें 338 से बढ़कर 420 श्रीलंकाई रुपये पहुंच गई जिससे सभी आवश्यक वस्तुओं जिनकी कीमतें पहले से ही आसमान छू रही हैं उनकी लागत में और वृद्धि होने की सम्भावना है।
पिछले कई महीनों से, श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक मंदी के बीच रहा है, जिसके कारण पूरे देश में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का एक समूह लगातार 46 दिनों से कोलंबो में प्रेसिडेंशियल सचिवालय के बाहर डेरा डाले हुए है और मांग कर रहा है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, जिन्हें वे मुख्य रूप से जिम्मेदार मानते हैं, पद छोड़ दें।
बढ़ते संकट के बीच, सरकार ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह देश में कुल 51 बिलियन डॉलर के विदेशी ऋण के जरिए आर्थिक हालात को सुधारने की कोशिश करेगा। वर्तमान में सरकार ने ये भी बताया कि वो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक पैकेज का समझौता कर रहा है। हालांकि, सेंट्रल बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरास इंघे ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका का आर्थिक सुधार की एक समय रेखा देना मुश्किल था, उन्होंने कहा इसमें सुधार सरकार द्वारा किए गए उपायों की सफलता पर निर्भर था।