IT Act 2021: आईटी एक्ट 2021 के तहत 20 यूट्यूब चैनल और दो वेबसाइट बैन
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि बैन किए गए इन यूट्यूब चैनलों के विडियो प्रधानमंत्री मोदी, कश्मीर और अनुच्छेद 370 पर केंद्रित थे।
आईटी एक्ट 2021 के तहत देश में पहली बार कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई के अंतर्गत 20 यूट्यूब चैनल और 2 वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आईटी एक्ट बनने के बाद से यह इस तरह की पहली कारवाई है।
आईटी एक्ट 2021 के तहत यह कार्रवाई क्यों ?
भारत सरकार ने प्रतिबंध लगाए जाने के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि ये यूट्यूब चैनल और वेबसाइट भारत विरोधी दुष्प्रचार और फेक न्यूज़ को फैला रहे थे। इन 20 यूट्यूब चैनलों और 2 वेबसाइटों को पाकिस्तान द्वारा चलाया जा रहा था। जिसके कारण इन यूट्यूब चैनल और वेबसाइट को बैन किया गया है। वहीं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस मामले पर कहा है कि हमने भारत विरोधी दुष्प्रचार और फेक न्यूज़ फैलाने वाली वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई की है।
मूलतः किस विचार पर आधारित था इनका कंटेंट ?
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि इन चैनलों के विडियो प्रधानमंत्री मोदी, कश्मीर और अनुच्छेद 370 पर केंद्रित थे। और वीडियोस को लगभग 30 लाख बार देखा जा चुका था। जांच में यह भी सामने आया है कि इन चैनलों ने किसान आंदोलन के बारे में भी फेक न्यूज़ चलाई थी।
आईटी एक्ट 2021 में सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया संबंधित नियम
- समाचार प्रशासकों और डिजिटल मीडिया पर “भारतीय प्रेस परिषद” को पत्रकारिता आचरण मानदंड और केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियम अधिनियम 1995 के तहत कार्यक्रमों पर नजर रखनी होगी।
- ऐसी किसी जानकारी का प्रकाशन नहीं किया जाना चाहिए जो भारत की संप्रभुता और अखंडता सार्वजनिक आदेश,दूसरे देशों के साथ मित्रवत संबंधों आदि के तहत किसी कानून का निषेध हो।
आईटी एक्ट पर अहम प्रतिक्रियाएं
- आईटी एक्ट 2021 पर "आप" नेता अमानतुल्लाह खान ने कहा — जनता की आवाज दबाने के नए तरीके खोज रही है बीजेपी।
- देश की समाचार एजेंसी पीटीआई (PTI) ने भी इस आईटी एक्ट को कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था - कि केंद्र अपनी गाइडलाइंस के माध्यम से डिजिटल समाचार मीडिया को विनियमित यानी रेगुलेट करने की कोशिश कर रहा है।
क्या अनुच्छेद 19 का हो रहा है हनन ?
‘लाइव लॉ’ ने केरल उच्च न्यायालय में आईटी एक्ट को चुनौती दी है। ‘लाइव लॉ’ का दावा है कि नए आईटी कानून अनुच्छेद 19 (ए) (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) का उल्लंघन करता है।
इसी प्रकार कुछ लोग हाल में ही पुलिस द्वारा मुनव्वर फारुकी (कॉमेडियन) के शो को आयोजित नहीं करने दिए जाने को भी इसी तरह का अनुच्छेद 19 का उल्लंघन मान रहे हैं। बता दें कि स्टैंडअप कॉमेडी के जगत में यह कोई पहली घटना नहीं है। बल्कि इससे पहले कुणाल कामरा का भी कुछ समूहों द्वारा बहिष्कार किया जा चुका है।
वहीं हाल ही में बहिष्कारों की घटनाओं के बाद अब तेलंगाना के उद्योग मंत्री के टी रामा राव ने फारूकी और कामरा को आमंत्रित किया है। रामा राव ने आमंत्रित करते हुए कहा - “कुणाल कामरा और मुनव्वर फरवरी को हैदराबाद में प्रदर्शन करने के लिए खुला निमंत्रण है"।