अफ्रीकन यूनियन (African Union) को मिली विश्व की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह G20 में जुड़ने की सौगात

भारत का अफ्रीकन यूनियन को g20 में शामिल करने के पीछे मकसद क्या है और क्या इसकी शुरुआत अभी हुई है आईए जानते हैं विस्तार से।

September 12, 2023 - 11:56
September 12, 2023 - 11:57
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अफ्रीकन यूनियन (African Union) को मिली विश्व की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह G20  में जुड़ने की सौगात
African Union got the gift of joining G20

अफ्रीकन यूनियन (African Union) को दुनिया भर की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह G20 की स्थाई सदस्यता दी गई. ये घोषणा G20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. 

जहां एक तरफ चीन अफ्रीका को खुश करने में लगा है तो, वहीं भारत ने खुद को अल्‍पविकसित और विकासशील देशों के नेता के रूप में पेश किया है. 

भारत का अफ्रीकन यूनियन को G20 में शामिल करने के पीछे मकसद क्या है और क्या इसकी शुरूआत अभी हुई है सबकुछ विस्तार से जानते हैं.

भारत ने अफ्रीकी संघ को G20 के सदस्य के रूप में शामिल करने की कवायद इस साल जून में शुरू कर दी थी. 55 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस समूह को नए सदस्य के रूप में शामिल करने के लिए पीएम मोदी ने G20 नेताओं को पत्र लिखकर प्रस्ताव दिया था कि "अफ्रीकी संघ को G20 के आगामी दिल्ली शिखर सम्मेलन में पूर्ण सदस्यता दी जाए." अब तक G20 में पूरे अफ़्रीकी महाद्वीप से केवल एक ही देश था - दक्षिण अफ़्रीका. 

ऐसा नहीं है कि भारत अफ्रीकन यूनियन को शामिल करने की कवायद अभी शुरू किया हो. सोर्सेस का कहना है कि इसकी चर्चा सबसे पहले जनवरी में 'वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ' शिखर सम्मेलन के बाद शुरू हुआ था. जिसमें अफ्रीकन कॉन्टिनेंट के 55 देशों में से अधिकांश ने भाग लिया था. चर्चा इथियोपिया के अदीस अबाबा में आगे बढ़ाई गई, जहां अफ्रीकन यूनियन का हेडक्वार्टर है. 2015 में, भारत ने बड़ी धूमधाम से नई दिल्ली में भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी. दर्जनों अफ्रीकी नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया था।

अफ्रीका आउटरीच पहल के तहत, भारत ने मंत्री स्तर पर सभी अफ्रीकी देशों का दौरा किया है. पीएम मोदी खुद पिछले नौ सालों में अफ्रीका के कम से कम 10 देशों का दौरा कर चुके हैं. पीएम मोदी ने इस साल की शुरुआत में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी की मेजबानी की थी. अगस्त में जोहान्सबर्ग में नवीनतम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में, वर्तमान सदस्यों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका - ने मिस्र और इथियोपिया के साथ-साथ अर्जेंटीना, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को नए सदस्यों के रूप में जोड़ने का फैसला किया. 

अफ्रीकी संघ का G20 में शामिल होना भारत के लिए एक बड़ी जीत है. 

दरअसल 'ग्लोबल साउथ', डेवलपिंग नेशन के मुद्दे को वर्ल्ड फोरम पर ले जाने के लिए UNSC में भारत कई सालों से परमानेंट मेम्बर बनने का प्रयास कर रहा है. हालंकि भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में कई बार सेवा की है पर वो एक स्थायी सीट की वकालत करता रहा है. बताया जा रहा है कि भारत की यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए ये स्टेप अहम है. क्योंकि अकेले अफ्रीका के पास 55 वोट हैं. ऐसे में अफ्रीकन यूनियन का समर्थन भारत की राह को आसान करेगा. 

भारत की जलवायु परिवर्तन शमन, व्यापार और प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के विकास के मामलों में अफ्रीका के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने की योजना है. ऐसे में अफ्रीका का साथ भारत के लिए कई मायनों में खास है. 

अफ्रीकन यूनियन का जी 20 में शामिल होने के बाद अब इसका नाम बदलकर जी 21 हो सकता है.

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