Prostitution is also a profession: सुप्रीम कोर्ट ने माना वेश्यावृत्ति को पेशा ,कहा 'पुलिस करे इज्जत से व्यवहार
Sex Work: कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को आदेश दिया है कि सेक्स वर्कर्स के काम में बेवजह हस्तक्षेप ना करें। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि यदि सेक्स वर्कर्स के साथ कोई अपराध होता है तो उसकी मदद तुरंत करें।
सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अपने ऐतिहासिक आदेश में कहा कि सेक्स वर्कर होना अपराध नहीं है, वैश्यालय चलाना गैर कानूनी है। गुरुवार को सर्वोच्च अदालत ने सेक्स वर्कर्स के अधिकारों को सुरक्षित करने की दिशा में 6 निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा, देश के सभी नागरिकों को अनुच्छेद 21 के तहत सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है। बता दें कि यह बयान कोर्ट ने तब दिया जब कोर्ट कोरोना के दौरान सेक्स वर्कर्स को आई परेशानियों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
कोर्ट ने कहा मदद करे पुलिस
कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को आदेश दिया है कि सेक्स वर्कर्स के काम में बेवजह हस्तक्षेप ना करें। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि यदि सेक्स वर्कर्स के साथ कोई अपराध होता है तो उसकी मदद तुरंत करें। उसके साथ सेक्स उत्पीड़न होता है तो उसे कानून के तहत मेडिकल सहायता सहित सभी सुविधाएं तुरंत मुहैया कराएं जो किसी अन्य महिला को मिलती हैं।
बुरा व्यवहार न करे पुलिस
कई मामलों में सामने आया है कि पुलिस सेक्स वर्कर्स के प्रति क्रूर और हिंसक रवैया अपनाती रही है और यहाँ तक कि उन्हें सेक्स गतिविधि के लिए मजबूर करती रही है। कोर्ट का पुलिस को निर्देश साफ है, सेक्स वर्कर्स के साथ मौखिक या शारीरिक रूप से बुरा व्यवहार न करे।
राज्य कराएं शेल्टर होम का सर्वे
कोर्ट ने राज्यों को शेल्टर होम के सर्वे कराने का भी निर्देश दिया है ताकि जिन वयस्क महिलाओं को उनकी इच्छा के विरुद्ध हिरासत में लिया गया है उनकी समीक्षा हो और समयबद्ध तरीके से रिहाई के लिए कार्रवाई भी की जा सके।
बच्चे को मां से नहीं किया जा सकता अलग
कोर्ट का कहना है कि महिला सेक्स वर्कर है ,सिर्फ इसलिए उसके बच्चे को माँ से अलग नहीं किया जा सकता है। अगर बच्चा सेक्स वर्कर के साथ रहे तो इससे यह प्रमाणित नहीं होता कि वह बच्चा तस्करी कर लाया गया है।
कोर्ट की प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से अपील
कोर्ट ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से सेक्स वर्कर्स से जुड़े मामले की कवरेज के लिए दिशा निर्देश जारी करने की अपील भी की है। इससे छापे या किसी अन्य अभियान के दौरान सेक्स वर्कर्स की पहचान उजागर नहीं हो पाएगी।