अभ्युदय के संरक्षण में जमघट पंचायत की पहली बैठक: जमीन के बदले जमीन समेत तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित
अभ्युदय के संरक्षण में जमघट पंचायत की पहली बैठक में ग्रामीण विकास हेतु तीन प्रस्ताव पारित, सामूहिक प्रयासों पर जोर।
हिसार, हरियाणा – अभ्युदय जन कल्याण न्यास के संरक्षण में जमघट पंचायत की पहली बैठक में तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए, जो ग्रामीण विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे। यह बैठक हिसार जिले के गांव सरसौद बीचपड़ी स्थित सी एन एस क्रीड़ा केंद्र में आयोजित की गई, जिसमें ग्रामीणों और विशेषज्ञों ने मिलकर सामुदायिक समस्याओं के समाधान और विकास के लिए ठोस रणनीतियां तैयार कीं।
पारित प्रस्ताव
1. जमीन अधिग्रहण और संरक्षण
- यह प्रस्ताव पारित किया गया कि जब भी गांव में जमीन बेची जाए, तो उतनी ही जमीन किसी अन्य स्थान पर खरीदी जाए। इस कदम का उद्देश्य भूमि संसाधनों का संरक्षण और संतुलित उपयोग सुनिश्चित करना है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को इसका लाभ मिल सके।
2. शिक्षा की अनिवार्यता
- बैठक में यह निर्णय लिया गया कि किसी भी परिस्थिति में बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा। शिक्षा को हर हाल में प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि बच्चों का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित किया जा सके। यह प्रस्ताव ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
3. कृषि व्यवसाय को बढ़ावा
- कृषि के साथ-साथ कृषि आधारित व्यवसाय को बढ़ावा देने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसमें तय हुआ कि कृषि से उत्पन्न रो मटेरियल (कच्चे माल) को सीधा बेचने के बजाय, उसका इस्तेमाल कर व्यावसायिक गतिविधियां शुरू की जाएं। इससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा और स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
नवाचार की दिशा में एक कदम
बैठक में इन प्रस्तावों को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया और उनके क्रियान्वयन की रूपरेखा पर भी चर्चा हुई। पंचायत ने यह स्पष्ट किया कि इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए सभी ग्रामीणों का सहयोग और सहभागिता अनिवार्य है।
विशिष्ट उपस्थिति और नेतृत्व
बैठक की अध्यक्षता भदेव सिंह चहल उपाध्यक्ष नौगामा ने की, मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. योगेंद्र मलिक अध्यक्ष- अभ्युदय जन कल्याण न्यास ने मुहीम के परिचय से लेकर करणीय कार्यों पर प्रकाश डाला, दिल्ली से संबंध रखने वाले करण टोकस ने दिल्ली की स्थिति का वर्णन किया वहीं मंच संचालन राजस्थान के चूरू से संबंध रखने वाले हरीश चौधरी ने किया।इस दौरान सतीश पुनिया, उत्तम मलिक, अमित श्योराण, डॉ. पंकज राय और जगरूपाराम समेत लगभग 15 गांवों के ग्रामीणों ने भाग लिया और बैठक को सफल बनाने में सहयोग दिया।
सार्वजनिक भागीदारी का उदाहरण
इस ऐतिहासिक बैठक ने यह सिद्ध कर दिया कि सामूहिक प्रयासों और सकारात्मक सोच के साथ गांव का विकास संभव है। अभ्युदय के नेतृत्व में पारित ये प्रस्ताव ग्रामीण विकास में नई दिशा प्रदान करेंगे।