Earth Day: 22 April को ही क्यों मनाते हैं अर्थ डे और क्या है इस साल की थीम ?
दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण को समर्थन देने के लिए हर साल 22 अप्रैल को 'पृथ्वी दिवस' या 'अर्थ डे' मनाया जाता है. बता दें कि पृथ्वी दिवस की स्थापना अमेरिकी सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन ने पर्यावरण की जगरूकता के लिए की थी. सबसे पहले इस दिन को मनाने की शुरुआत 1970 में हुई. जिसके बाद आज इस दिन को लगभग 195 से ज्यादा देश मनाते हैं.
पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है. दुनियाभर में climate change को लेकर चर्चा भी जोरों पर चल रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में पृथ्वी रहने लायक नही बचेगी. यूँ तो पृथ्वी बचाने की कोशिश हर रोज होनी चाहिए लेकिन इस मुहिम में 22 अप्रैल एक खास दिन माना जाता है.
दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण को समर्थन देने के लिए हर साल 22 अप्रैल को 'पृथ्वी दिवस' या 'अर्थ डे' मनाया जाता है. बता दें कि पृथ्वी दिवस की स्थापना अमेरिकी सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन ने पर्यावरण की जगरूकता के लिए की थी. सबसे पहले इस दिन को मनाने की शुरुआत 1970 में हुई. जिसके बाद आज इस दिन को लगभग 195 से ज्यादा देश मनाते हैं. 22 अप्रैल 1970 को आयोजित सबसे पहले पृथ्वी दिवस में लगभग 20 मिलियन अमेरिकी लोगों ने हिस्सा लिया था. खास बात यह है कि इस आयोजन में भाग लेने के लिए हर समाज, वर्ग और क्षेत्र से लोग सामने आए थे.
आखिर अर्थ डे के लिए 22 तारीख ही क्यों ?
नेल्सन ने ऐसी तारीख को चुना जो इस दिवस में लोगों की भागीदारी को अधिकतम हो सके।
चूंकि 19 से 25 अप्रैल वाले सप्ताह में दुनिया भर के स्कूल कॉलेज खुले रहते हैं। आपको बता दें कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले कार्यक्रम की हर वर्ष की एक अलग थीम होती है जिसमें उस वर्ष के विशेष मुद्दे पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है. ठीक इसी प्रकार विश्व स्तर पर मनाए जाने वाले पृथ्वी दिवस की भी एक अलग थीम होती है।
इस साल यानी 2022 की अर्थ डे थीम, "invest in our plannet" रखी गई है. जिसका मकसद पर्यावरण संरक्षण बजट में सभी देशों की आर्थिक भागीदारी बढ़ाना है. आज भी पर्यावरण-प्रेमी नदियों में फैक्ट्री का गंदा पानी डालने वाली कंपनियों को रोकने ,जहरीला कूड़ा इधर उधर फेकने पर रोक लगाने.जंगलों की कटाई रोकने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.अगर बात करें इस बार का अर्थ डे हम कैसे मनाएं तो सिम्पल है।
अपने आस-पास पेड़-पौधे लगाएं, ज्यादा जरूरी ना हो तो पॉलीथीन का प्रयोग ना करें. और लोगों भी को ऐसा करने के लिए जागरूक करें.