गलवान में 15 जून की रात की कहानी : जब चीन के मंसूबों पर भारतीय जवानों ने फेर दिया था पानी, जानिए 15 जून की उस काली रात को क्या हुआ था?
The story of the night of June 15 in Galvan:15 जून 2020 को जो हुआ था उसे पूरा देश कभी भूल नहीं पाएगा। भारतीय सेना के वीर जवानों ने सर्वोच्च बलिदान देकर विस्तारवादी चीन से देश की रक्षा की थी।
Galwan Valley violence: साल 2020 की अप्रैल के तीसरे हफ्ते से ही विवाद शुरू हो गया था। चीन की विस्तारवादी नीती भारत के सामने नहीं टिक सकी थी। 15 जून की रात को दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हो गयी थी, एलएसी(Line of Actual Control) पर हुई इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे जिसमें एक कर्नल बी. संतोष बाबू भी शामिल थे। झड़प में कीलें लगी हुई लोहे की रॉड का इस्तेमाल हुआ था, साथ ही कई धारदार हथियारों से चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला किया था। हालांकि भारतीय शूरवीरों ने चीन के मंसूबों पर पानी फेर दिया और चीनी सैनिकों को पकड़ पकड़ कर खूब मारा था।
चीन के मारे गए थे ज्यादा सैनिक
कथित तौर पर इस दौरान चीन के 45 से अधिक सैनिक मारे गए थे लेकिन चीन इस बात को मानने से इनकार कर देता है। ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार द क्लैक्सन ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि चीन की तरफ से चार सैनिकों की मौत का आंकड़ा बताया गया था लेकिन इससे नौ गुना ज्यादा कम से कम 38 और पीएलए जवानों की मौत हुई थी।
अब कैसा है दोनों देशों का संबंध
गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच विश्वास कम हुआ है। चीन अब भी पैंगांग झील पर पुलों का निर्माण कर रहा है और भारत भी अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है तथा सैन्य सुविधाओं को बढ़ा रहा है। आर्थिक मोर्चे की बात करें तो भारत और चीन का व्यापारिक रिश्ता और बढ़ा है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार गलवान घाटी की घटना से पहले 2019 में भारत और चीन के बीच 92.8 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ था जो साल 2020 में कोरोना वायरस के चलते 87.9 बिलियन डॉलर रहा वहीं 2021 में यह 125 बिलियन डॉलर के पास पहुँच गया है।