भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी सरकार, अमेजन रिश्वत मामले कि होगी जांच
ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन के कानूनी प्रतिनिधियों द्वारा भारत में अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोपों कि जांच कि जायेगी। मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना रवैया स्पष्ट कर दिया हैं। मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाएगी यानी भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दस्त नहीं किया जाएगा।
दरअसल, कुछ दिन पहले एक समाचार एजेंसी ने अहम खुलासा किया था जिसमें, एमेजॉन व्हील्सबलॉर ने एमेजॉन के वकीलों द्वारा सरकारी अधिकारियों को कंपनी को लाभ पहुंचाने हेतु रिश्वत देने की बात कही गई थी। इस सनसनीखेज खबर के सामने आते ही CAIT यानी कंफेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर मामले में सीबीआई जांच कि मांग की थी।
CAIT के अध्यक्ष ने कहा कि " कथित रिश्वतखोरी का संबंध एमेजॉन द्वारा कानून और नियमों के निरंतर उल्लंघन से संबंधित है या नहीं, क्योंकि इस खबर में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बात एमेजॉन ने स्वयं मानी है। इसलिए भारतीय ई कॉमर्स बाजार और खुदरा व्यापार को उनके अनुचित प्रभाव, प्रभुत्व के दुरुपयोग और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत से बचाने के लिए कड़े कदम उठाना बहुत आवश्यक है।
इस पर अब अधिकारियों कि तरफ से बयान सामने आया हैं जिसमें वे कह रहें हैं कि यह रिश्वत देने कि घटना कब और किस राज्य में हुई, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ हैं। उन्होंने आगे कहा "एमेजॉन लीगल फीस के रूप में 8500 करोड़ रूपये खर्च कर रहा हैं परंतु ये विचार विमर्च करने वाली बात है कि यह पैसा जा कहां रहा हैं, इन आरोपों से ऐसा प्रतीत होता हैं जैसे पूरी प्रणाली ही रिश्वत पर काम करती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, यह आरोप तब सामने आए हैं जब एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ पहले से ही सीबीआई जांच कर रहीं हैं। इसके अलावा, एमेजॉन का फ्यूचर ग्रुप के साथ भी कानूनीं विवाद चल रहा हैं।