AISA और SFI के बीच गठबंधन न होने से चुनाव प्रक्रिया की गई होल्ड: एबीवीपी
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि 15 अप्रैल निर्धारित थी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 16 अप्रैल थी, लेकिन लेफ्ट संगठनों के दबाव में इलेक्शन कमिटी ने नाम वापसी की तिथि अलोकतांत्रिक रूप से 17 अप्रैल तक बढ़ा दी।

जेएनयू, 19 अप्रैल 2025 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर जेएनयू में चल रही छात्रसंघ चुनाव प्रक्रिया को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। एबीवीपी का स्पष्ट मानना है कि जेएनयू इलेक्शन कमिटी अब निष्पक्षता छोड़कर लेफ्ट संगठनों की ‘टीम-बी’ के रूप में कार्य कर रही है। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि 15 अप्रैल निर्धारित थी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 16 अप्रैल थी, लेकिन लेफ्ट संगठनों के दबाव में इलेक्शन कमिटी ने नाम वापसी की तिथि अलोकतांत्रिक रूप से 17 अप्रैल तक बढ़ा दी।
इसके बाद 17 अप्रैल को नाम वापसी का समय शाम 4:00 बजे तक मनमाने तरीके से बढ़ाया गया। इतने पर भी जब AISA और SFI के बीच गठबंधन होता दिखाई नहीं दिया तो इलेक्शन कमिटी ने 4:00 बजे के समय को बढ़ाकर 4:30 बजे कर दिया। उसके बाद 17 अप्रैल की शाम को ही सभी प्रत्याशियों की फाइनल सूची आ गई थी, फिर भी इसके बावजूद बिना किसी पूर्व सूचना के इलेक्शन कमिटी ने लेफ्ट यूनाइटेड के पिछले वर्ष चुने गए छात्रसंघ प्रतिनिधियों के साथ मिलकर 18 अप्रैल को आधे घंटे का अतिरिक्त समय देकर नाम वापसी की प्रक्रिया को फाइनल सूची आने के एक दिन बाद भी बढ़ाने का असंवैधानिक प्रयास किया।
जब इसका विरोध आम छात्रों और अन्य सभी प्रत्याशियों ने किया तो जेएनयूएसयू चुनाव आयोग ने पूरे चुनावी प्रक्रिया को ही होल्ड पर डाल दिया। जब लेफ्ट संगठनों के बीच आपसी गठबंधन और सुलह नहीं हो सका, तो इलेक्शन कमिटी ने नामांकन प्रक्रिया को बार-बार संशोधित कर इसे जानबूझकर विलंबित किया। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि AISA और SFI के बीच आपसी मतभेद और गठबंधन की असमर्थता के कारण यह निर्णय लिया गया। चुनाव कमिटी द्वारा लगातार नामांकन प्रक्रिया में तिथियों के परिवर्तन और नियमों के उल्लंघन से एकतरफा लाभ पहुँचाने का प्रयास हो रहा है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का खुला उल्लंघन है। इससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगते हैं।
एबीवीपी जेएनयू के इकाई अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने कहा कि जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया जिस तरह लगातार धांधली और मनमानी हो रही है, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इलेक्शन कमिटी द्वारा लेफ्ट संगठनों के इशारे पर बार-बार चुनावी नियमों को तोड़ना, छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला अपमान है। एबीवीपी इस षड्यंत्रकारी रवैये की कड़ी निंदा करती है। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के लिए एबीवीपी हर मंच पर संघर्ष करेगी और यह भी तय करेगी कि जेएनयू के इलेक्शन तय समय पर हो।