ARSD कॉलेज की हिंदी वाद विवाद समिति 'वेदांता' द्वारा आयोजित डिबेट प्रतियोगिता में रुबिका लियाकत ने युवा पीढ़ी को दी संघर्ष करने की सीख
एआरएसडी कॉलेज की हिंदी वाद विवाद समिति द्वारा आयोजित संसदीय डिबेट प्रतियोगिता में श्री वेंकटेश्वरा महाविद्यालय की टीम ने की जीत हासिल। सत्यवती एवं श्री वेंकटेश्वरा महाविद्यालय की टीम्स ही बना पाई थीं फाइनल्स में जगह।
वेदांता: हिंदी वाद-विवाद समिति, आत्मा राम सनातन धर्म महाविद्यालय द्वारा वेदांगम्-2022 (द्वितीय संस्करण) का आयोजन 12 और 13 मार्च को किया गया। जिसके अन्तर्गत युवा-संसद AIPPM एवं संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता अयोजित करवाई गई।
वेदांगम्-2022 के उद्घाटन समारोह का प्रारंभ समिति की अध्यक्षा शालू कुमारी के स्वागत भाषण से हुआ और उन्होंने समिति के माध्यम से किए गए कार्यों का ब्यौरा दिया। जिसके बाद समिति के संयोजक डॉ. अमित सिंह ने उद्घाटन समारोह की विशिष्ट अथिति रुबिका लियाकत जी व उपस्थित सभी लोगों का अभिनंदन किया। सिंह ने अनेक प्रतियोगिताओं मे समिति के छात्रों की बढ़ती भागीदारी व योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस साल समिति ने अब तक 110 से भी अधिक प्रतियोगिताएं जीती हैं जिनमें महिलाओं की काफ़ी अग्रणी भूमिका रही है।
वहीं महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. ज्ञानतोश कुमार झा ने अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान वशिष्ट अतिथि रूबीका लियाकत जी का स्वागत किया एवं वेदांता समिति के परस्पर बढ़ते प्रभाव और पुरस्कारों की सराहना भी की।
इस दौरान समिति सचिव आराध्या शर्मा ने विशिष्ट अतिथि रुबिका लियाकत जी को आमंत्रित किया। एबीपी न्यूज़ की सीनियर एंकर व एडिटर रुबिका लियाकत ने भारत देश मे युवाओं के योगदान के बारे मे बताया और कहा कि देश की युवा पीढ़ी को अपने जीवन मे संघर्ष को स्वीकार करना चाहिए। उन्हें अपने विकास मे सहयोग देने वाली सभी चीजो को 'हाँ ' और विकास को अवरुद्ध करने वाली गलत चीजो को 'ना' कहने का साहस रखना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि समाज मे लड़के-लड़कियां दोनों ही बराबर हैं और ये कभी भी हमारे आगे बढ़ने में बाधा के रूप में नहीं आना चाहिए। वहीं लियाकत ने चर्चा का अंत करते समय मीटिंग में उपस्थित सभी विद्यार्थियों एवं समिति के सदस्यों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी और जल्द ही कॉलेज प्रांगण में सभी विद्यार्थियों से मिलने की इच्छा भी व्यक्त की।
वहीं उद्घाटन समारोह की समाप्ति करते हुए, समिति के सदस्य डॉ. शंभू नाथ दुबे ने रुबिका लियाकत का धन्यवाद किया और समिति को उनके आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।
उद्घाटन समारोह के बाद वेदांगम्-2022 की प्रतियोगिताओं का आरंभ किया गया। युवा संसद में 35 प्रतिभागियों ने अपने-अपने विचारों को बहुत बेहतरीन तरीके से सदन के समक्ष "धर्म की स्वतंत्रता तथा समान नागरिक संहिता के संदर्भ में पंथनिरपेक्षता की अवधारणा पर विवेचना" विषय पर रखे। युवा संसद में बेहद अर्थपूर्ण वाद - विवाद हुआ। इसके मॉडरेटर के रूप में एडवोकेट मयंक सिंघल, डेप्युटी मॉडरेटर के रूप में अमन यादव एवं को-डेप्युटी मॉडरेटर के रूप में आदर्श चौधरी मौजूद रहे। प्रतियोगिता में देश के अलग अलग हिस्सों से प्रतिभागियों ने भाग लिया।
युवा संसद में कुल 9 पुरुस्कार विजेता रहे। जिसमे सबसे पहले बेस्ट रिप्रेजेंटेटिव का पुरुस्कार रौनक उपमान्यु को मिला तथा हाई कमेंडेशन के विजेता नमन जैन रहे। वहीं स्पेशल मेंशन का पुरुस्कार सक्षम एवं सामयेता को, हॉनरेबल मेंशन का पुरुस्कार राज वर्धन और कार्तिक को दिया गया। इन सभी पुरस्कारों के अलावा कुछ विशेष प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को भी वर्बल मेंशन का पुरस्कार दिया गया। जिसमें प्रफुल्ल द्विवेदी, शूभाषिनी एवं आंशी शामिल रहे।
इस दौरान संसदीय वाद - विवाद प्रतियोगिता का दो दिवसीय 12 और 13 मार्च को आयोजन भी किया गया। इस प्रतियोगिता में दिल्ली विश्वविद्यालय की 18 टीम ने हिस्सा लिया। जिसमें सेमी फाइनल्स के बाद दो टीम्स (सत्यवती एवं श्री वेंकटेश्वरा महाविद्यालय) फाइनल्स में पहुंची।
जिसमें "ये सदन मानता है की तथ्य व्याख्या से बढ़कर है" विषय पर संसदीय वाद - विवाद प्रतियोगिता का फाइनल राउंड हुआ जिसमें श्री वेंकटेश्वरा महाविद्यालय (अभिषेक और विश्रवा) विजेता दल रहा जबकि सत्यवती महाविद्यालय (कुश किशोर और युद्धवीर) उप-विजेता के रूप में उभरे।
अंत में समिति अध्यक्ष शालू ने सभी निर्णायकों, प्रतिभागियों, वेदांता समिति के संयोजक डा. अमित सिंह, समिति के पूर्व सदस्यों एवं अन्य सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस दौरान सभी निर्णायकों एवं प्रतिभागियों ने वेदांता की पूरी आयोजक मंडली का एक बेहद सफल और विवाद मुक्त आयोजन करवाने के लिए बधाई एवं भविष्य के लिए समिति के सदस्यों को शुभकामनाएं दी।