Happy birthday Kiran Bedi: आइए जानते हैं देश की पहली महिला आईपीएस के जीवन की कुछ खास बातें

Happy Birthday Kiran Bedi: किरण बेदी ने शुरुआती पढ़ाई और ग्रेजुएशन अमृतसर से पूरी की थी, किरण अपने कॉलेज के दिनों एनसीसी से जुड़ी रही, जहां उन्होंने कई अवॉर्ड भी जीते। जिसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी ने पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। जिसके बाद वह कुछ समय तक खालसा कॉलेज में लेक्चरर के पद पर भी कार्यरत रही।

June 9, 2022 - 07:32
June 9, 2022 - 08:00
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Happy birthday Kiran Bedi: आइए जानते हैं देश की पहली महिला आईपीएस के जीवन की कुछ खास बातें
Kiran Bedi

देश की पहली भारतीय महिला पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी रही किरण बेदी का आज जन्मदिन है। किरण बेदी ने आईपीएस सर्विस के साथ-साथ भारतीय राजनीति में और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

उनका जन्म आज के दिन साल 1949 को अमृतसर में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रकाश लाल पेशावरिया और मां का नाम प्रेम पेशवरिया था। उनके अलावा उनके परिवार में तीन बहनें शशि, रीता और अनु हैं। बचपन से ही उन्हें और उनकी बहनों को टेनिस खेलने का शौक था, जिसके चलते उन्होंने टेनिस में नेशनल लेवल की कई प्रतियोगिताओं में अपना हुनर दिखाया और ‘पेशावर सिस्टर्स’ के नाम से मशहूर हुई।

किरण बेदी ने शुरुआती पढ़ाई और ग्रेजुएशन अमृतसर से पूरी की थी, किरण अपने कॉलेज के दिनों एनसीसी से जुड़ी रही, जहां उन्होंने कई अवॉर्ड भी जीते। जिसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी ने पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। जिसके बाद वह कुछ समय तक खालसा कॉलेज में लेक्चरर के पद पर भी कार्यरत रही। लेकिन साल 1972 में उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए आईपीएस को ज्वाइन किया और देश की पहली महिला ऑफिसर बनकर उन्होंने एक मिसाल कायम की, ‘महिलाएं किसी से कम नही हैं, वह चाहे तो कुछ भी हासिल कर सकती हैं।’ साथ ही साबित किया कि सच्ची लगन और लगातार कोशिशों से हम अपने जीवन में हर सपने को पूरा कर सकते हैं।

किरण बेदी से जुड़ी खास बातें

किरण बेदी ने अपनी पोस्टिंग के चलते दिल्ली में महिलाओ के खिलाफ अपराध, ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने और तिहाड़ जेल के कैदियों की दशा को सुधारने में बढ़- चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने समाज को एक नया नज़रिया दिया कि अगर कैदियों के साथ सही बर्ताव किया जाए तो वह समाज के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।

ट्रैफिक व्यवस्था में लिए गए उनके कामों के चलते उन्हें ‘ क्रेन बेदी’ का उपनाम भी मिला। गलत जगह पर गाड़ी न खड़ी करना व ट्रैफिक नियमों की सही से पालन पर उनका खास ध्यान रहा था। किरण बेदी अपनी समाजसेवा के चलते दो एनजीओ ‘द नवज्योति इंडिया फाउंडेशन’ और ‘इंडियन विजन फाउंडेशन’ की शुरुआत की, जिनको यूएन द्वारा सम्मानित किया गया।

किरण बेदी को शौर्य पुरस्कार, एशिया का नोबेल पुरस्कार कहे जाने वाले ‘रमन मैग्सेसे पुरस्कार’ के अलावा कई पुरस्कारों ने सम्मानित किया जा चुका है। किरण बेदी ने समाजसेवी अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के साथ ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ से जुड़कर काम किया। जहां उन्होंने विरोध के चलते भूख हड़ताल की थी, तब उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। किरण बेदी ने ‘इट्स ऑलवेज पॉसिबल’ और दो ऑटोबायोग्राफी के रूप में ‘आय डेयर’ और ‘ काइंडली बेटन’ नाम की किताबें लिखी हैं। किरण बेदी की इस्पायर्ड लाइफ पर एक फीचर फिल्म ‘ यस मैडम सर’ बन चुकी है, जिसके ऑस्ट्रेलियाई फिल्ममेकर मेगन डोनेमन ने प्रोड्यूस किया है। इस फिल्म को दुनिया के फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया है।

किरण बेदी के प्रेरणादायक विचार

सशक्त महिलाएं जो कठिन और अपरंपरागत पदों पर पहुंचती है, वे विकल्प चुनती हैं, बलिदान नहीं। ”

सदाचार, शराफत और नैतिकता ही असली सैनिक है।”

जिंदगी में मेरा आदर्श यही है कि - कुछ भी असंभव नही है, हमें सिर्फ कोशिश करने की जरूरत है।”

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