स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी: नर सेवा-नारायण सेवा का ध्येय रखकर राष्ट्र उन्नति में योगदान देती टीम
Swami Vivekananda Health Mission Society: अपने प्रयासों के माध्यम से स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी वर्तमान में 12 धर्मार्थ चिकित्सालय को संचालित कर रही है और समाज सेवा में अपना योगदान देकर राष्ट्र उन्नति को सुदृढ़ करने का काम कर रही है।
Swami Vivekananda Health Mission Society: दुष्यंत कुमार जी ने किसी दौर में कहा था कि- सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए और इस बात को अपने प्रयासों से चरितार्थ करते हुए तथा “नर सेवा-नारायण सेवा” का ध्येय रखते हुए समाज की सूरत बदलने का काम किया है स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी ने।
स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों के अनुसार मानव जाति का प्रेम ही ईश्वर की पूजा है। वहीं यह मिशन भी "नर सेवा नारायण सेवा" के अपने ध्येय वाक्य जिसका तात्पर्य "मानव जाति की सेवा ही ईश्वर की सेवा है'' को लेकर मानव सेवा के अपने पथ पर अग्रसर है।
प्रख्यात संत और दूरदर्शी स्वामी विवेकानन्द के नाम पर बनी इस सोसायटी की शुरुआत साल 2012 में मानव सेवा के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए तथा दुर्गम, पिछड़े, पहाड़ी, ग्रामीण एवं जनजातीय क्षेत्रों व तीर्थस्थलों में उपेक्षित और शोषित वर्ग तथा तीर्थयात्रियों की सेवा करके मातृभूमि की वंदना करना और उन्हें चिकिसकीय सुविधा के साथ ही शिक्षा और सामाजिक सुदृढ़ता प्रदान करने का लक्ष्य रखते हुए की गई थी। जहां सोसायटी ने अपने दृष्टिकोण में गरीबों, वंचितों, उपेक्षित और शोषित भाइयों के साथ-साथ तीर्थयात्रियों की सेवा करने का संकल्प लिया। सोसायटी ने अपनी परोपकारी यात्रा राजधानी देहरादून से 40 किमी दूर और उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश राज्यों के संगम पर स्थित आदिवासी बहुल क्षेत्र धर्मावाला में स्थित दो कमरों की डिस्पेंसरी की स्थापना के साथ शुरू की। यात्रा निरंतर जारी रही और आज स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी उत्तराखंड राज्य और दिल्ली में अपने 12 धर्मार्थ अस्पतालों के माध्यम से मानवता की सेवा कर रही है।
इन 12 अस्पतालों में से तीन उत्तराखंड राज्य के चार धामों में हैं, जो श्री बद्रीनाथ धाम, श्री केदारनाथ धाम और गंगोत्री धाम में हैं। बता दें कि इन तीनों अस्पतालों में आईसीयू सुविधा भी उपलब्ध है तथा ऊंचाई के क्षेत्रों में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मचारी, ऑक्सीजन सपोर्ट और हार्ट केयर के साथ बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं द्वारा बेहतर चिकित्सा देखभाल प्रदान कर रहे हैं। इन सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के पीछे के उद्देश्य की बात करें तो त्वरित प्रबंधन के द्वारा हजारों तीर्थयात्रियों की जान बचाई जाना मुख्य उद्देश्य है।
वहीं दुनिया भर से इन तीर्थस्थलों पर आने वाले तीर्थयात्रियों की एक बड़ी संख्या बेहतर स्वास्थ्य देखभाल न मिलने के कारण पीड़ित होती थी और उच्च ऊंचाई और दुर्गम इलाके के कारण ऊबड़-खाबड़ और खड़ी ढलानों, खराब मौसम की परिस्थितियों तथा चिकित्सा समस्याओं से जूझती थी। भक्तों की पीड़ादायक रुग्णता और मृत्यु दर को देखकर ही इन धामों में सोसायटी के अस्पताल की स्थापना की गई, जिससे इन दरों में उल्लेखनीय रूप से 90% की कमी आई है।
लाभार्थियों की बात करें तो 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्री केदारनाथ धाम अस्पताल जिसकी स्थापना 2 सितंबर 2019 को की गई थी तथा साल 2019 में इस अस्पताल ने लगभग 10,000 तीर्थयात्रियों, 2022 में 1 लाख 13 हजार से अधिक और पिछले वर्ष 1.25 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को सेवा प्रदान की है। वहीं यह भी जानना अहम है कि यह अस्पताल न केवल मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि अस्पताल जरूरतमंदों को मुफ्त चाय, बिस्कुट, रेनकोट, जूते समेत अन्य आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध करवाता है।
वहीं पिछले कुछ वर्षों में चौबीसों घंटे चलने वाले अस्पतालों में स्वास्थ्य देखभाल के साथ-साथ सहायक सुविधाओं का लाभ उठाने वाले प्रतिदिन औसतन 800-1400 भक्तों की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि भी देखी गई है। इन रोगियों को होने वाली समस्याओं की बात करें तो जीवन को खतरे में डालने वाली हृदय और सांस संबंधी समस्याएं, ट्रॉमा से लेकर पहाड़ों की ऊंचाई के चलते होने वाली सिकनेस, हाइपोथर्मिया आदि शामिल हैं।
वहीं इस अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी समर्पण तथा भक्ति भाव से ओत प्रोत हैं जो अपने प्रयासों से यहां दर्शन के लिए आने वाले इन श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी तीर्थयात्रा स्वस्थ और सुरक्षित बनी रहे।
इन प्रयासों के माध्यम से स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी वर्तमान में 12 धर्मार्थ चिकित्सालय को संचालित कर रही है और समाज सेवा में अपना योगदान देकर राष्ट्र उन्नति को सुदृढ़ करने का काम कर रही है।