National Doctor’s Day 2022: जानिए क्यों मनाया जाता है 'नेशनल डॉक्टर्स डे' और क्या है राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का इतिहास, महत्व और थीम
National Doctor’s Day: डॉक्टरों के योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाते चले आ रहे हैं। हम इस दिन को अपने डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाते हैं जो हमारी भलाई सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम करते हैं।
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National Doctor’s Day: भारत में 1 जुलाई को लोग 'राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस' मनाते हैं। यह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। कई वर्षों से, सरकारी और गैर-सरकारी स्वास्थ्य संगठन ने डॉक्टरों के योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाते चले आ रहे हैं। हम इस दिन को अपने डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाते हैं जो हमारी भलाई सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम करते हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से इस वर्ष एक बार फिर उन सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के योगदान को समर्पित है। इस बार के राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2022 की थीम "फ्रंट लाइन पर फैमिली डॉक्टर्स" रखा गया है। यह थीम खासकर COVID-19 के बीच कठिन समय को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर हमें दुनिया भर के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा दैनिक आधार पर दिए गए योगदान और बलिदान की याद दिला दी है। इस महामारी की स्थिति में, हमारे जीवन को बचाने के लिए चौबीसों घंटे काम करने के लिए,उन्हें धन्यवाद देना और भी आवश्यक हो जाता है।
इस नेक पेशे के सम्मान में, दुनिया भर में अलग-अलग तारीखों को डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है। वहीं भारत में इस दिन को पहली बार वर्ष 1991 में बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ बीसी रॉय के मानवता की सेवा में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया गया था। उसके बाद इस दिन को आगे चलकर मेडिकल एसोसिएशन ने 'राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया। डॉ रॉय एक प्रख्यात डॉक्टर थे जिन्होंने अपने चिकित्सा से जुड़े करियर में कई अनेकों बड़े योगदान दिए। उन्हें 4 फरवरी 1961 को भारत रत्न सम्मान से भी नवाजा गया था। उन्होंने जादवपुर टी बी जैसे चिकित्सा संस्थानों की स्थापना में एक बड़ी भूमिका भी निभाई थी।