धर्म की आंधी में बह चुके दलितों को वापस सही रास्ता दिखाना चाहता हूं: भीम आर्मी चीफ़ चंद्रशेखर आज़ाद रावण
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए भीम आर्मी के चीफ़ चंद्रशेखर आज़ाद रावण ने बनाई रणनीति। वह दलित वर्ग को भाजपा के खेल का शिकार बनने की आशंका जता रहे हैं। वहीं आजाद समान विचार धारा वाले दल के साथ गठबंधन की संभावना व्यक्त कर रहे हैं।
दलित वर्ग की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। चंद्रशेखर आज़ाद रावण, भीम आर्मी चीफ़ जिन पांच राज्यों में अगले छह महीने के अंदर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, उनमें से तीन राज्य- यूपी, पंजाब और उत्तराखंड ऐसे हैं, जहां चन्द्रशेखर को जीत दलित वर्ग ही दिला सकता है। जैसा कि आपको पता है कि साल 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों को जीतने के लिए चंद्रशेखर ने अपनी एक नई योजना तैयार कर रखी है।
हाल ही में एक पत्रकार को दिए इंटरव्यू में चंद्रशेखर ने चुनावों के बारे में बातचीत की जिसके अंश कुछ इस प्रकार हैं,
चंद्रशेखर जी, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने को हैं, तो आप चुनाव के वक्त किसके पाले में जाने की सोच रहे हैं …
चंद्रशेखर ने साफ शब्दों में कहा कि अभी तो वह किसी भी पार्टी में जाने की नही सोच रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उनकी पार्टी, सभी 5 राज्यों के चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारेगी। हां, यदि कहीं से मज़बूत संकेत मिला, तो वह गठबंधन पर विचार करेंगे।
उनका कहना है कि वह आज भी कांशीराम के सिद्धांतों का पालन करते हैं, और इसी सिद्धांत के चलते, गठबन्धन कर सकते हैं।
किस पार्टी से गठबंधन करना चाहेंगे आप चंद्रशेखर?
गठबंधन के बारे में जानकारी देते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा , मेरे गुरु कांशीराम जी ने कहा है –
“जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी भागीदारी।"
इस सिद्धांत के आधार पर समान विचार दलों के साथ अगर कोई गुंजाइश बनती है, तो वह गठबंधन कर सकते हैं ।”
आपके संपर्क ओवैसी जी से ज़्यादा ही बढ़ रहे हैं, आपका इस विषय पर क्या कहना है? क्या आप ओवैसी के साथ गठबंधन का सोच रहे हैं?
इस सवाल के जवाब में चंद्रशेखर ने कहा कि वह ओवैसी से एक टीवी कार्यक्रम के ज़रिए मिले थे। और अगर गठबंधन की बात है तो, वह समान विचारधारा वाली पार्टी से गठबंधन कर सकते हैं। जबकि, अभी कुछ भी तय नहीं है।
बीजेपी के साथ भी गठबंधन की कोई गुंजाइश रखते हैं आप?
इसके जवाब में उनका कहना है कि उनकी विचारधारा बीजेपी के साथ मेल नहीं खाती है। बीजेपी ने पिछड़े वर्ग के साथ जो छल किया है, वह उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं। वह दिल से दलित वर्ग के लिए कुछ काम करना चाहते हैं। जो दलित वर्ग , धर्म की आंधी में बह गया है, वह उनको वापस सही रास्ता दिखाना चाहते हैं।
आपको बता दें कि 2015 में भीम आर्मी की स्थापना सतीश कुमार, विजय रतन सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद द्वारा की गई थी। यह एक संगठन है जो भारत में शिक्षा के माध्यम से दलितों, और बहुजनों के लिए काम करता है।