Ramgarh Vishdhari Tiger Reserve : देश का 52वां टाइगर रिजर्व बना रामगढ़ विषधारी अभयारण्य ,राजस्थान में चौथा टाइगर रिजर्व
Rajasthan: राजस्थान की गहलोत सरकार ने बजट घोषणा के मुताबिक टाइगर रिज़र्व का प्रस्ताव तैयार किया था। वहीं अब नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर इसे मंजूरी दे दी है।
रामगढ़ विषधारी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी राजस्थान का चौथा टाइगर रिज़र्व बन गया है। सोमवार को केंद्रीय वन मंत्रालय के सचिव ने गजट नोटिफिकेशन पर हस्ताक्षर करते हुए इसे मंजूरी दी है। बता दें कि इसकी स्थापना बूंदी में की गई है जहां इस रिजर्व का कोर व बफर एरिया 1501 वर्ग किमी का होगा।
क्यों बना रामगढ़ अभयारण्य से टाइगर रिज़र्व?
रामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य राष्ट्रीय पशु बाघ का सदियों से मैटरनिटी होम रहा है। जिसके पीछे का कारण बूंदी के जंगलों की आबोहवा का बाघों के लिए अनुकूल होना है। वहीं रणथंभोर और सरिस्का टाइगर रिज़र्व के बीच में होने के कारण इस क्षेत्र में बाघ आते जाते रहे हैं। वर्तमान में इस क्षेत्र में पांच महीने से टाइगर टी 115 मौजूद है तथा उन्हें आए हुए पांच महीने से अधिक समय हो गया है।
एनटीसीए ने दी मंजूरी
राजस्थान की गहलोत सरकार ने बजट घोषणा के मुताबिक टाइगर रिज़र्व का प्रस्ताव तैयार किया था। वहीं अब नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर इसे मंजूरी दे दी है। बता दें कि राजस्थान सरकार ने एनटीसीए को भेजे पत्र के माध्यम से बूंदी की रामगढ़ सेंचुरी और आसपास के क्षेत्र को वन्यजीव संरक्षण एक्ट 1972 के तहत टाइगर रिज़र्व बनाने की मांग की थी।
पर्यटन को मिलेगी नई दिशा
टाइगर रिजर्व की स्थापना के लिए अभयारण्य में बसे आठ गांवों का विस्थापन किया जाएगा तथा इन आठ गांवों का सर्वे कर विस्थापन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा। वहीं विस्थापन के बाद टाइगर्स को इस क्षेत्र में शिफ्ट करने की प्रक्रिया भी तेजी से पूरी होगी। वहीं इस रिजर्व के रूप में बूंदी को पर्यटन का बड़ा तोहफा मिला है, जिससे जिलेवासियों को आर्थिक रूप से भी फायदा होगा। वहीं पर्यटकों के लिए अलग- अलग ज़ोन से एंट्री की व्यवस्था भी की जाएगी। इस क्षेत्र में बाघ के अलावा भी कई अन्य जीव-जंतु होंगे जिनका सैलानी लुत्फ उठा सकेंगे।