Rajasthan News: भाजपा प्रदेश संगठन में बदलाव पर लगा विराम, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद बनेगी नई टीम
Rajasthan News: राजस्थान भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद से संगठन में बदलाव की अटकलों पर फिलहाल विराम

Rajasthan News: राजस्थान भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद से संगठन में बदलाव की अटकलों पर फिलहाल विराम लग गया है। अब प्रदेश संगठन में बदलाव राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद होगा। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। माना जा रहा है कि अप्रैल के अंत या मई के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद भाजपा की नई प्रदेश टीम का गठन होगा।

संगठनात्मक चुनावों के तहत होगा बदलाव
भाजपा के संविधान के अनुसार, पार्टी में मंडल अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक चुनावी प्रक्रिया तय होती है। इसी प्रक्रिया के तहत मंडल अध्यक्ष अपने जिले के अध्यक्ष के परामर्श से टीम का गठन करता है, और जिला अध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष की सलाह से अपनी टीम बनाता है। प्रदेश अध्यक्ष भी अपनी कार्यकारिणी में बदलाव राष्ट्रीय अध्यक्ष की सहमति से ही कर सकते हैं।
राजस्थान में मंडल अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक के चुनाव पूरे हो चुके हैं, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अभी लंबित है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ फिलहाल अपनी नई टीम की घोषणा नहीं कर सकते। जब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्वाचन नहीं हो जाता, तब तक प्रदेश संगठन में बदलाव का इंतजार करना होगा।
कार्यकारिणी में बड़े बदलाव संभव
प्रदेश भाजपा की मौजूदा कार्यकारिणी में कई वरिष्ठ नेताओं की विदाई तय मानी जा रही है। नए संगठन में कई अनुभवी नेताओं को बोर्ड, आयोग या अन्य जिम्मेदारियों में भेजा जा सकता है, जबकि कुछ नए चेहरों को अहम पदों पर मौका दिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ ने स्पष्ट किया कि नई कार्यकारिणी की सूची तैयार की जा रही है और हर कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी जाएगी। हालांकि, अंतिम घोषणा राष्ट्रीय अध्यक्ष की सहमति के बाद ही होगी।
नई टीम में युवा जोश और अनुभवी नेतृत्व का संतुलन
प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ ने संकेत दिया है कि नई टीम में पुराने और अनुभवी नेताओं के साथ-साथ अधिकतर नए चेहरों को भी मौका दिया जाएगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा की नई कार्यकारिणी में 75% तक बदलाव हो सकता है। इस नए संगठन में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा।
भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी को समाप्त करने के उद्देश्य से नई टीम में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और सीपी जोशी के समर्थकों को भी जगह दी जा सकती है। इसके अलावा, संघ से जुड़े कई नेताओं को भी महत्वपूर्ण पद मिल सकते हैं, क्योंकि खुद प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ आरएसएस पृष्ठभूमि से आते हैं। ऐसे में उनकी टीम में संघ की विचारधारा को प्राथमिकता मिलने की संभावना है।
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