आयुष्मान कार्ड: आयुष्मान भारत योजना के तहत 3 साल में केवल 22 करोड़ 10 लाख लोग हुए लाभान्वित
आयुष्मान भारत योजना स्वास्थ्य से जुड़ी एक बड़ी योजना है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रुप से कमजोर व्यक्ति यानी जो लोग बीपीएल धारक हैं, उनको स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है।
आयुष्मान योजना मोदी सरकार की बड़ी योजनाओं में से एक है। मोदी सरकार के मंत्री और खुद प्रधानमंत्री भी कई भाषणों में इस योजना का जिक्र कर चुके हैं। अक्सर चुनावी रैलियों में भी इस योजना का जिक्र सुनने को मिलता है। बता दें कि चंद ही दिनों बाद से 5 राज्यों में चुनाव है और भाजपा इस योजना के नाम पर वोटों को भुनाने की कोशिश भी कर रही है।
जानिए क्या है आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ?
आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है। इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 अप्रैल 2018 यानी संविधान निर्माता डॉ आंबेडकर की जयंती पर की थी। इस योजना को लागू करने के पीछे सरकार का तर्क है कि इसके तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों यानी 50 करोड़ लोगों को कवर करेंगे। परंतु इस योजना को लागू हुए 3 साल हो गए हैं और अब तक केवल 22 करोड़ 10 लाख लोगों को ही इसका लाभ मिला है।
किसे और कैसे मिलेगा आयुष्मान योजना का लाभ ?
आयुष्मान भारत योजना स्वास्थ्य से जुड़ी एक बड़ी योजना है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रुप से कमजोर व्यक्ति यानी जो लोग बीपीएल धारक हैं, उनको स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है। इस योजना के लिए आयुष्मान कार्ड बनवाना पड़ता है, जिसके बाद व्यक्ति 5 लाख तक का लाभ ले सकता है।
आयुष्मान कार्ड की संख्या को लेकर पीएमओ (PMO) की बैठक
आयुष्मान योजना को शुरु हुए तीन साल हो चुके हैं, परंतु 3 साल में अभी तक केवल 22 करोड़ 10 लाख लोग ही इस योजना के अंतर्गत लाभांवित हुए हैं। जिसके कारण पीएमओ ने राज्यों को निर्देश दिया है कि ज्यादा से ज्यादा और जल्दी आयुष्मान कार्ड बनाए जाएं। वहीं कार्डों की संख्या को लेकर नेशनल हेल्थ अथोरिटी का तर्क है कि कोरोना में ड्यूटी लगने से कार्ड बनने मे देरी हुई है। बता दें कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में आयुष्मान कार्ड सबसे ज्यादा बने हैं।
यह जानना भी अहम है कि केंद सरकार की आयुष्मान भारत योजना दिल्ली, ओडिशा और बंगाल में लागू नहीं है। जबकि राजस्थान और आंध्र प्रदेश में एक परिवार में केवल एक ही सदस्य का आयुष्मान कार्ड बन रहा है।