मनीष गुप्ता हत्या मामले की होगी सीबीआई जांच, यूपी सरकार ने की सिफारिश
गोरखपुर के मनीष गुप्ता हत्याकांड पर यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया। इस मामले की तह तक जाने के लिए सीबीआई से जांच की सिफ़ारिश की। यूपी सरकार ने मनीष के परिवार की आर्थिक मदद करने का आश्वासन दिया।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत के मामले में यूपी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। यूपी सरकार ने मामले की तह तक जाने के लिए, सीबीआई से जांच की सिफ़ारिश की है। योगी आदित्यनाथ का कहना है कि जब तक सीबीआई इस केस की जांच अपने हाथ में नहीं लेती, तब तक गोरखपुर से स्थानांतरित कर कानपुर में विशेष रूप से गठित एसआईटी इस जांच को आगे बढ़ाएगी।
आपको बता दें कि बीते सोमवार को कानपुर निवासी मनीष गुप्ता और उनके कुछ दोस्त गोरखपुर में स्थित कृष्णा होटल में देर रात तक ठहरे हुए थे। उसी दौरान पुलिस ने उस होटल में छापेमारी की, और मनीष के कमरे में घुसकर अजीबो गरीब सवाल खड़े किए। सवाल जवाब के दौरान दोनों के बीच हाथापाई हुई, और मनीष अपनी जान गंवा बैठे।
सूत्रों के मुताबिक, मनीष के परिवार वालों का मानना है कि छः पुलिसकर्मियों ने मनीष को बेरहमी से पीटा, जिसमें मनीष की मौत हो गई। जबकि, पुलिसकर्मियों का कहना है कि मनीष की मौत सिर्फ़ एक दुर्घटना थी और कुछ नहीं। वह पूछताछ के दौरान अपने कमरे में भाग-दौड़ करते हुए गिर पड़ा था जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है। परंतु, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ़ लिखा है कि मनीष के शरीर पर काफ़ी सारे मारपीट के निशान और चोट के गहरे घाव हैं, जिससे साफ होता है कि पुलिसकर्मियों ने झूठी कहानी सुनाई थी।
मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने उन छः पुलिसकर्मियों के खिलाफ़ अपने पति की हत्या का मामला दर्ज़ करवाया है और साथ ही यूपी सरकार से अपने दिवंगत पति के लिए न्याय की मांग की है। उन्होंने हाल ही में योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है और अपनी सारी मांगें सामने रखीं हैं।
मीनाक्षी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद बताया कि उन्होंने अपनी सारी मांगें योगी जी के सामने रख दी हैं। उन्होंने कहा– "मैंने सीबीआई जांच के बदले एस आई टी जांच करवाने को कहा है क्योंकि सीबीआई जांच करने में बहुत समय लेती है। इतने समय में आरोपी बचने के कई तरह की साज़िश रच लेते हैं। मैं आरोपियों को इतना लंबा समय देना नहीं चाहती हूं। मेरी प्रार्थना है कि मनीष को जल्द से जल्द इंसाफ़ मिले।"
आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने मनीष गुप्ता की पत्नी की सभी मांगों को तभी स्वीकार कर लिया था और कड़ी कार्रवाई का भी भरोसा दिलाया था। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि “हत्या चाहे जिसनें भी की हो, वो चाहे कितने ही बड़े पद पर क्यों ना हो, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज हो गया है, और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है।"
मामले को लेकर यूपी सरकार की तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि यूपी सरकार मनीष गुप्ता की धर्मपत्नी को कानपुर विकास प्राधिकरण में ओएसडी के पद पर नियुक्त करने का निर्देश देती है। साथ ही परिवार को 40 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राज्य सरकार के जरिए देने के निर्देश देती है।
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