इरफान खान बर्थ एनिवर्सरी: गरीबी के कारण इरफान नहीं बन पाए थे क्रिकेटर, सलाम बॉम्बे से किया था बॉलीवुड का सफर शुरू
बॉलीवुड के मंझे हुए कलाकार और अभिनेता ' इरफ़ान खान ' का आज 55वाँ जन्मदिन है। इरफ़ान खान ने भले 29 अप्रैल 2020 को दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन उनकी फ़िल्मे और फ़िल्मों के दमदार डायलॉग्स अभी भी उनके फैंस के दिलो पर राज कर रहे हैं।
इरफ़ान खान का जन्म 7 जनवरी, 1967 को राजस्थान के टोंक में हुआ था। इरफ़ान जयपुर के कारोबारी पठान परिवार से संबंध रखते थे, जो टायर का कारोबार करते थे। इरफ़ान का बचपन टोंक जयपुर में बीता। इरफ़ान की माँ सईदा बेगम इरफ़ान को अंग्रेजी पढ़ाना चाहती थी, इसलिए इरफ़ान को सरकारी स्कूल से निकालकर अंग्रेजी मीडियम स्कूल में दाखिला करवाया गया। अंग्रेजी में ज्यादा रूचि ना होने से, इरफ़ान को स्कूल मे सजा मिलती थी। इरफ़ान की रूचि बचपन से ही क्रिकेट मे थी, अच्छे प्रर्दशन के कारण उन्हें नायडू ट्रॉफी की अंडर टीम 23 में भी चयनित कर लिया गया था। हालांकि इरफ़ान को क्रिकेट में कैरियर बनाने के लिए पारिवारिक सहयोग नहीं मिल पाया।
कहा जाता है कि इरफ़ान खान ने फ़िल्मी जगत में आने और अभिनय की दुनिया में कदम रखने का फैसला अपने मामा को देखकर लिया था। अपनी M.A की पढ़ाई पूरी करने के बाद अभिनेता बनने के लिए इरफान ने साल 1984 में NSD मे दाखिला लिया और स्कॉलरशिप के साथ NSD में अपनी पढ़ाई जारी रखी। इस दौरान इरफ़ान के लिए गुजर बसर करने में मुश्किल के हालात भी पैदा हुए, जिसके चलते घर खर्च चलाने के लिए इरफ़ान ने AC रिपेयरिंग का काम करना शुरू कर था। यह भी बता दें कि इरफ़ान अभिनेता 'राजेश खन्ना' के बहुत बड़े फैन थे। इरफ़ान की हमेशा से ख्वाइश थी, कि वह राजेश खन्ना से मिल पाएं। इसी दौरान एक बार इरफ़ान को AC रिपेयरिंग के सिलसिले में राजेश खन्ना के घर जाने का मौका भी मिला। लेकिन उस रोज़ राजेश खन्ना के घर पर मौजूद न होने से , उनकी यह ख्वाइश पूरी अधूरी ही रह गई।
खबरों के तहत , NSD की पढ़ाई पूरी होने के बाद सन् 1988 में इरफ़ान ने मीरा नायर की फ़िल्म ' सलाम बॉम्बे ' से डेब्यू किया था। हालांकि इस फ़िल्म में इरफ़ान ने एक लेटर राइटर के छोटे-से किरदार की भूमिका अदा की थी। परंतु इस रोल से उन्हें फ़िल्मी जगत में अपना पहला कदम रखने का पूरा मौका मिला। सलाम बॉम्बे फ़िल्म में अभिनय देखने के बाद इरफान खान को और भी फिल्मों के ऑफर मिलने लगे थे। जिसके बाद इरफान ने फिल्म 'मकबूल' में काम किया और इस फ़िल्म में एक्टिंग करने के बाद लोगों ने इनकी एक्टिंग की जमकर तारीफ भी की। इस फ़िल्म के बाद इरफान खान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इरफान ने बॉलीवुड की फिल्मों के अलावा हॉलीवुड की 'जुरासिक वर्ल्ड' और 'लाइफ ऑफ पाई' जैसी इंटरनेशनल मूवीज़ में भी काफ़ी सरहानीय अभिनय किया।
NSD ( नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ) में एक्टिंग सीखते हुए , इरफान असम की रहने वाली सुतापा सिकदर मिले। कहा जाता है कि दोनों एक - दूसरे को काफी पसंद करते थे और इसी दौरान इरफ़ान सुतापा को दिल दे बैठे थे। उस दौर में लिव-इन रिलेशनशिप क्या होता हैं ? इसके बारे में किसी को ज्यादा कुछ जानकारी नहीं थी। बिना शादी के इरफान और सुतापा एक साथ रहते थे। इस दौरान घर ढूंढते समय उन्हें एक सवाल ने बेहद परेशान किया जो था “आप शादीशुदा हैं?” और इरफ़ान द्वारा ना बोलने पर उन्हें लोगों द्वारा घर किराए पर देने से मना कर दिया जाता था। इससे परेशान होकर दोनों ने साल 1996 में शादी करने का फैसला किया और दोनों शादी के बन्धन मे बंध गए।
इरफ़ान को मिले अवार्डस
- साल 2004 – फिल्मफेयर अवार्ड – बेस्ट एक्टर इन नेगेटिव रोल - फिल्म, हासिल
- साल 2004 – स्क्रीन अवार्ड – बेस्ट परफॉरमेंस इन अ नेगेटिव रोल – फिल्म, हासिल
- साल 2007 – एलिअन्स ऑफ़ वूमेन फिल्म जौनलिस्ट्स – बेस्ट सेडक्टिव -फिल्म, द नेमसेक (हॉलीवुड)
- साल 2008 – फिल्मफेयर अवार्ड – बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर – फिल्म, लाइफ इन अ मेट्रो
- साल 2008 – इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकादमी अवार्ड – बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर – फिल्म, लाइफ इन अ मेट्रो
- साल 2008 – स्क्रीन अवार्ड – बेस्ट कॉमेडियन – फिल्म, लाइफ इन अ मेट्रो
- साल 2011 – पद्म श्री – सिनेमा में बेहतरीन अभिनय और योगदान के लिए
- साल 2013 – नेशनल फिल्म अवार्ड – बेस्ट एक्टर – फिल्म, पान सिंह तोमर
- साल 2013 – फिल्मफेयर अवार्ड - बेस्ट एक्टर (क्रिटिक्स) – फिल्म, पान सिंह तोमर
- साल 2013 – टाइम्स ऑफ़ इंडिया फिल्म अवार्ड – बेस्ट एक्टर – फिल्म, पान सिंह तोमर
- साल 2013 – स्क्रीन अवार्ड – बेस्ट एक्टर – फिल्म, पान सिंह तोमर
- साल 2013 – एशियाई फिल्म अवार्ड – बेस्ट एक्टर – फिल्म, द लंच बॉक्स
- साल 2013 – दुबई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल - बेस्ट एक्टर – फिल्म, द लंच बॉक्स
- साल 2014 – इंडियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ क्वींसलैंड – बेस्ट एक्टर – फिल्म, क़िस्सा
- साल 2016 – स्टार स्क्रीन अवार्ड – बेस्ट एक्टर (जूरी चॉइस) मेल – फिल्म, तलवार
खबरों के अनुसार, करीब मार्च 2018 में इरफ़ान अपने न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर के इलाज के लिए लन्दन गए थे। इसी बीच उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी अपने फैंस को भी दी थी। करीब एक साल इलाज के बाद वह अप्रैल 2019 में इंडिया लौटे और एक साल बाद 29 अप्रैल ,2020 को मुंबई के कोकिलबेन धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटल में उन्होंने आखिरी सांस ली। दुनियां को अलविदा कहते समय इरफ़ान खान ' ने अपने फैंस के लिए एक प्यार भरा संदेश दिया था, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया।