जानिए Quiet Day क्या है, क्यों मनाते हैं और कैसे मनाते हैं
वर्तमान समय में व्यक्ति का जीवन ध्वनि के बिना गुजारना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लगता है, क्योंकि व्यक्ति जिंदगी की आपाधापी में इतना लग्न हो गया है कि वह प्रतिदिन अपने चारों ओर से आने वाली ध्वनि से बच नहीं सकता है।
वर्तमान समय में व्यक्ति का जीवन ध्वनि के बिना गुजारना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लगता है, क्योंकि व्यक्ति जिंदगी की आपाधापी में इतना लग्न हो गया है कि वह प्रतिदिन अपने चारों ओर से आने वाली ध्वनि से बच नहीं सकता है।
व्यक्ति की दिनचर्या में ध्वनि किसी न किसी रूप में शामिल ही है जैसे टीवी, रेडियो, मोबाइल से आने वाली आवाज, वाहनों के हॉर्न की आवाज, आस पास होने वाले आयोजनों में आस पास होने वाले आयोजनों में डीजे, पटाखे की आवाज।
यहां तक कि पारिवारिक माहौल में भी अपने आस पास कई बार ना चाहते हुए भी हमें अनावश्यक शोर झेलना पड़ता है, और एकांत तलाशना हमारे लिए मुश्किल हो जाता है।
ऐसे में Quiet Day हमें हमारा एक दिन अपने लिए, अपने मन की शांति के लिए जीने को प्रेरित करता है।
शांति के आभाव में उत्पन्न होने वाली समस्या:
अधिकांश व्यक्ति शांति नहीं मिलने के कारण चिड़चिड़ा, आक्रामक हो जाते हैं। उनकी श्रवण शक्ति का भी ह्रास होता है, नींद में गड़बड़ी, उच्च रक्तचाप जैसे स्वास्थ्य समस्या का सामना करने लगते हैं। व्यक्ति कई बार असमंजस की स्थिति में भी आ जाते है।
Quiet Day क्यों मनाया जाता है?
निसंदेह प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में शांति चाहिए होती है, क्योंकि व्यक्ति का संपूर्ण शरीर एक मशीन की ही भांति है जो कि एक समय अंतराल पर थक जाता है, ऐसे में शांति व्यक्ति के शरीर के मन के लिए औषधि के समान है।
यदि हम गौर करें तो प्रत्येक अविष्कार का जन्म शांति में ही होता है क्योंकि शांति में व्यक्ति का मन एकाग्र होता है, वह अपने चारों ओर के जंजाल से हटकर अपनी सभी ऊर्जा से सोचता है, जिससे अनेक ख्याल, विचार उसके जेहन में आते है और अविष्कार होने की संभावना बनती है।
व्यक्ति को इसी शांति के महत्व को समझाने के लिए व्यक्ति की खुद की आवाज व विचार का अन्वेषण करने के लिए 8 सितंबर का दिन Quiet Day के रूप में समर्पित है।
हम इस दिन को मनाने के लिए खुद की तरफ से ध्वनि उत्पन्न नहीं करने का प्रयास कर सकते है। यह दिन दुनिया की इस शोरगुल से भरी जिंदगी में व्यक्ति को अपने चित्त की प्राप्ति करने मे मदद करता है।
व्यक्ति जो रोजमर्रा की जिंदगी में स्वयं की आवाज या यंत्रों की आवाज के कारण शोरगुल से घिरा हुआ है उससे 1 दिन के लिए खुद को अलग करके शांत रखने की ओर एक अनूठा कदम है।
हालांकि यह सिर्फ 1 दिन ही है लेकिन फिर भी शांति में रहकर एक व्यक्ति अपने आने वाले कई दिनों के लिए खुले विचार से सोच सकता है, वह आविष्कार कर सकता है। ये शांति का दिन आने वाले दिनों के लिए एक नई प्रकार की ऊर्जा प्रदान करता है।
Quiet Day मनाने के क्या-क्या तरीके हो सकते हैं?
व्यक्ति प्रकृति के मध्य जाकर पेड़-पौधों को अनुभव करके उनकी तरफ बिना कुछ सोचे समझे देखकर, आसमान में चांद,सितारे देखकर भी अपनी आत्मा को शांति की अनुभूति करा सकता है।
यदि हम बाहर जाते हैं तो लोगों से इशारे या लिख कर कह सकते हैं कि हम Quiet Day मना रहे हैं इसलिए हम बोल नहीं सकते हैं।
खुद नहीं बोल कर, आस-पास के लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करके इसके लिए मना सकते हैं। ऐसा कोई भी यंत्र प्रयोग नहीं करते हुए जो बहुत ज्यादा ध्वनि पैदा करती है, साथ ही यदि जरूरत ना हो तो कम ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्रों का भी 1 दिन के लिए नहीं प्रयोग करने की कोशिश करके हम इस दिन को मना सकते हैं।
इससे न सिर्फ हमारा मन शांत रहेगा अपितु हम कई बीमारियों जैसे अवसाद, तनाव, मनोविकार से भी बच सकेंगे।