Rajasthan News: पिता की पुण्यतिथि पर पायलट ने कसा गहलोत पर तंज
सचिन पायलट ने रविवार को पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजली दी. उनकी प्रतिमा का अनावरण भी किया गया.
सचिन पायलट ने रविवार को अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा के भंडाना में श्रद्धांजलि सभा को संबोधित किया. इस अवसर पर पायलट ने उनकी प्रतिमा का अनावरण भी किया. यह प्रतिमा गुर्जर छात्रावास में लगाया गया है. इस मौक़े पर सचिन पायलट भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि 23 साल पहले आज ही के दिन उनके पिता की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी और वह दृष्य उन्हें आज भी याद है. राजनीति में आने से पहले वो फौज में थे, जहां वो काफ़ी तपे, उन्होंने हमेशा अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी और उनके लिए जनहित के मामले सर्वोपरि होते थे. सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने अपने पिता से राजनीति सीखी है. उन्होंने कहा कि राजेश पायलट ने छोटे से किसान के घर में जन्म लिया और ऊंचाई पर पहुंचकर भी अपना दामन साफ़ रखा. यह एक राजनेता की सबसे बड़ी सफ़लता है. राजेश पायलट की राजनीति अनोखी रही है. कभी-कभार वो भी राजनीति में लटके-झटके देते थे, लेकिन उनके जहन में गरीब और वंचित रहते थे. सचिन पायलट ने बोला कि वह अपने पिता को अपना आदर्श मानते हैं और उनकी ही तरह वो भी अपने स्वाभिमान और आदर्शों से कभी समझौता नहीं करेंगे. बोला कि मेरी सियासी सोच साफ़ है, लेकिन भविष्य में निराशा दिखती है. इसलिए अब मन नहीं करता काम करने का. उन्होंने बोला कि उन्होंने अपने पिता का ही अनुशरण करते हुए हमेशा नौजवानों के हितों की बात की है.
अशोक गहलोत पर कसा तंज
गुर्जर छात्रावास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सचिन पायलट ने राजस्थान कांग्रेस में जारी उथल पुथल पर साफ़-साफ़ तो कुछ नहीं कहा. लेकिन इशारों में ही बहुत कुछ कह गए. उन्होंने परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला किया. कहा कि हर ग़लती सज़ा मांगती है और इस ग़लती की भी सज़ा मिलेगी. दरअसल, उन्होंने बोला कि खदानों के आवंटन में गड़बड़ी पकड़े जाने पर पहले रद्द किया गया और फिर उन्हीं लोगों को आवंटित भी कर दिया गया. यह गलती है और किसी ने सच ही कहा है हर गलती सजा मांगती है. सचिन पायलट के भाषण के दौरान उनके समर्थकों ने एक तरफ उनके जयकारे लगाए तो दूसरी ओर अशोक गहलोत मुर्दाबाद के नारे भी लगाए.
बताते चलें कि राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) में कथित तौर पर धांधली के मामले में अशोक गहलोत ने एक बयान में कहा था कि हर ग़लती सज़ा मांगती है. उन्होंने कहा था कि रीट का मुद्दा बड़ा है, हम उसकी तह तक जाना चाहते हैं, हर ग़लती क़ीमत मांगती है. गहलोत ने कहा था कि जिन्होंने ग़लती की उनको क़ीमत देनी पड़ेगी. ये भी उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट की मांगें मानने से इनकार करते हुए पेपरलीक मामले पर मुआवजे की मांग को बुद्धि का दिवालियापन बताया था.
मंत्री और विधायक रहे मौजूद
राजेश पायलट को श्रद्धांजलि देने के लिए भंडाना स्थित स्मारक पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मंत्री हेमाराम चौधरी, कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारीलाल मीणा पहुंचे थे.
यहां विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत, ओमप्रकाश हुडला, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, खिलाड़ी राम बैरवा, इंद्राज गुर्जर, जीआर खटाना, राकेश पारीक व सुरेश मोदी समेत जयपुर की पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल, पूर्व विधायक नसीम अख्तर, नवीन पिलानिया, महेंद्र सिंह रलावता व महेंद्र मीणा भी सचिन पायलट के साथ प्रार्थना सभा में मौजूद रहे.
सचिन पायलट ने रखी थी तीन मांगें
सचिन पायलट ने हाल में तीन मांगे रखी थीं, जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग करना और इसका पुर्नगठन, सरकारी नौकरी के लिए भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा देना और वसुंधरा राजे नीत पिछली भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराना शामिल है.
सचिन पायलट ने कहा कि जनता का विश्वास उनके लिए सबसे बड़ी पूंजी है और वह उन्हें न्याय दिलाने के लिए लड़ते रहेंगे और अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे. पायलट राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर राज्य की वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा की पिछली सरकार के ख़िलाफ़ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में कथित निष्क्रियता को लेकर निशाना साधते रहे हैं.
थम नहीं रहा दोनों नेताओं के बीच का विवाद
दावा किया जा रहा था कि राजस्थान कांग्रेस में अब सब कुछ ठीक हो गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहा विवाद अब समाप्त हो गया है. 30 मई को करीब सवा चार घंटे तक हुई बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह समझौता हो गया था . कहा गया कि दोनों ने ही अपने राजनीतिक भविष्य का फ़ैसला कांग्रेस के आलाकमान पर छोड़ दिया है. कांग्रेस पार्टी के महासचिव के सी वेणूगोपाल ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा था कि दोनों नेता एकजुट हैं. कोई भी मनमुटाव नहीं अब हम पूरी ताक़त के साथ विधानसभा चुनाव लडेंगे और जीतेंगे. इस वार्ता में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल भी शामिल थे.
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच हाईकमान की मौजूदगी में सुलह के लिए की गई बैठक के दावे दो दिन में ही ध्वस्त हो गए हैं. पायलट ने साफ़ कर दिया है कि वे तीन मांगों से समझौता नहीं करेंगे. तीनों मुद्दों पर गहलोत सरकार को कार्रवाई करनी है, लेकिन मुख्यमंत्री इन्हें नहीं मानने के साफ संकेत दे चुके हैं.
गौरतलब है कि साल 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और सचिन पायलट के बीच सत्ता को लेकर खींचतान चल रही है. साल 2020 में सचिन पायलट ने गहलोत सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह का नेतृत्व किया था. इसके बाद उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था.