छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में हुआ राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का समापन
रायगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का समापन 3 जून को हुआ. भजन गायिका मैथिली ठाकुर और कवि कुमार विश्वास हुए शामिल.
रायगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के समापन में 3 जून को भजन गायिका मैथिली ठाकुर और कवि कुमार विश्वास शामिल हुए. दोनों ने अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोह लिया. भजन गायिका मैथिली ठाकुर ने "जय जोहार" कहकर छत्तीसगढ़ वासियों को संबोधित किया. इस दौरान रायगढ़ के रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में कुमार विश्वास ने राम कथा सुनाई. साथ ही देश-विदेश से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी. कार्यक्रम में भजन सम्राट दिलीप षड़ंगी ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. उनके साथ सीएम बघेल समेत अन्य जनप्रतिनिधियों और श्रद्धालुओं ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया. मुख्यमंत्री बघेल ने हज़ारों की संख्या में आए श्रद्धालुओं और कलाकारों को संबोधित किया और आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम की शुरुआत में बालासोर रेल हादसे में मारे गए लोगों को मौन रखकर श्रद्धांजली भी अर्पित की गई.
महोत्सव बना गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के लिए छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है. राज्य के संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित इस महोत्सव में लगातार 765 मिनट तक अरण्य कांड पर प्रस्तुति के लिए गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में छत्तीसगढ़ का नाम दर्ज किया गया है. यह पुरस्कार सबसे ज़्यादा कलाकार और सबसे देर तक चलने वाले अरण्य कांड पर कार्यक्रम के लिए मिला है. छत्तीसगढ़ ने मोस्ट स्टेज़ आर्टिस्ट परफार्मिंग ऑन अरण्य कांड का रिकॉर्ड बनाया. बता दें कि इस महोत्सव में 375 कलाकर, 17 दल, 13 राज्य और दो देश की अरण्य कांड पर 765 मिनट की प्रस्तुति ने यह विश्व रिकार्ड बनाया है. वहीं इस महोत्सव में रायगढ़ जिला प्रशासन ने भी रिकार्ड अपने नाम किया. यहां 10 हज़ार से अधिक लोगों ने सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया. इस बीच राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के समापन अवसर पर विजेता रामायण मंडलियों की घोषणा भी की गई. इसमें कर्नाटक को पहला इनाम 5 लाख , असम की रामायण मंडली को दूसरा पुरस्कार तीन लाख और तीसरा पुरस्कारा झारखंड को दो लाख रुपए देकर सम्मानित किया गया. पुरस्कार जीतने वाली रामायण मंडलियों को सीएम भूपेश बघेल ने सम्मानित किया. इससे पहले दिनभर इंटरनेट मीडिया में रामायण ट्रेंड करता रहा और सोशल मीडिया में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव छाया रहा.
मुख्यमंत्री बघेल ने किया संबोधित
सीएम भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लेकर हमारा हौसला बढ़ाया है. शहर के नागरिकों के घरों में पड़ोसी राज्यों से भी अतिथि आए. देश विदेश से कलाकारों ने भी महोत्सव का मान बढ़ाया है. इन अतिथियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई. इससे पूरा रायगढ़ 'राममय गढ़' हो गया. लोगों का यह उत्साह कार्यक्रम की सफलता को दिखाता है. मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि इस महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के रूप में किया गया था लेकिन कंबोडिया, इंडोनेशिया के कलाकारों के आने से ये आयोजन अंतर्राष्ट्रीय हो गया है.
मैथिली ठाकुर और कवि कुमार विश्वास ने दी प्रस्तुतियां
मैथिली ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि मैं भगवान राम के ननिहाल में उनके ससुराल से आई हूं. कार्यक्रम में उनके द्वारा प्रस्तुत मिथिला के लोक गीतों पर मुख्यमंत्री और उनके साथ अन्य अतिथि भी अपनी जगह से उठकर झूमने लगे. मैथिली ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के गीतों में गहरी रूचि रखते हैं साथ ही मिथिला के लोक गीतों का भी आदर करते हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया. कुमार विश्वास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जो श्रीराम पूरे विश्व को मार्ग दिखाते हैं, उन्हें छत्तीसगढ़ की एक वनवासी माता शबरी ने मार्ग दिखाया था. मुझे लगता है कि भगवान राम को राजनीतिक मतभेद से ऊपर का विषय छत्तीसगढ़ ने बनाया. विश्वास ने कहा, "छत्तीसगढ़ भारत का पहला राज्य है, जिसने भगवान राम की सर्व स्वीकार्यता को दलिय बंधनों से ऊपर उठाया है. पिछले कुछ वर्षों में यह हुआ है. मुझे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि मैं इस कार्यक्रम से जुड़कर अपनी सहभागिता दूं. मुझे खुशी है कि इसमें आयोजन में शामिल हो पाया. आज दिल्ली में भी लोग जानते हैं कि भगवान राम ने वनवास छत्तीसगढ़ में बिताया और ये भगवान राम की भूमि है."
दूसरे दिन भजन गायक हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह ने बांधा समां...
रायगढ़ ज़िले के रामलीला मैदान में आयोजित 3 दिवसीय राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन जाने-माने भजन गायक हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह ने समां बांध दिया. उनके भजनों पर लोग झूमते हुए नजर आए. इससे पूरा कार्यक्रम स्थल प्रभु श्रीराम के नाम से गुंजायमान हो गया. भजन गायक हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह को सुनने के लिए शुक्रवार को भारी संख्या में लोग आए हुए थे. दोनों गायकों ने अपने भजनों से माहौल भक्तिमय कर दिया. भजन गायक लखबीर सिंह ने लोगों से कहा कि प्रभु श्रीराम सबको साथ लेकर चले, आप भी मेरा साथ दें और प्रभु श्रीराम का नाम लें. लखबीर सिंह की प्रस्तुति के बाद देश के जाने-माने भजन गायक हंसराज रघुवंशी ने भी अपनी प्रस्तुति दी. हंसराज रघुवंशी के मधुर भजनों ने लोगों के मन मोह लिया और सभी को अपनी-अपनी जगहों पर बांधे रखा. उन्होंने 'मेरा भोला है भंडारी' भजन भी गाया. इस कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने लखबीर सिंह और बाबा हंसराज रघुवंशी को रामचरित मानस ग्रंथ की प्रति के अलावा राजकीय गमछा भेंट कर उनका सम्मान किया.
देश-विदेश से कलाकार राष्ट्रीय रामायण महोत्सव पहुंचे
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में केरल, कर्नाटक, ओडिशा, असम, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के रामायण दल शामिल हुए. रामलीला मैदान में 3 दिन तक रामकथा हो रही है. 3 जून शनिवार को कार्यक्रम का अंतिम दिन था. इसके अलावा विदेशी कलाकार भी यहां पहुंचे. पहले दिन 1 जून को सबसे पहले इंडोनेशिया के दल ने विदेशों में रामकथा के स्वरूप को दर्शाया. इसके बाद 21 सदस्यीय असम के दल ने अपनी प्रस्तुति दी. झारखंड से आए 25 सदस्यीय दल ने अपने पारंपरिक वाद्ययंत्र और वेशभूषा में मार्च पास्ट किया. गोवा से पहुंचे कलाकारों ने मार्च पास्ट में हिस्सा लिया. केरल से 12 सदस्यीय दल, कर्नाटक और महाराष्ट्र से आए 18 सदस्यीय कलाकारों के दल और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश का 25 सदस्यीय दलों ने मार्च पास्ट में अद्भुत प्रस्तुति दी.