Indian Missile in Pakistan: पाकिस्तान में कैसे गिरी भारत की 'सुपरसोनिक मिसाइल'? केंद्र सरकार ने दिए उच्च स्तरीय जांच के निर्देश
पाकिस्तानी सेना ने 9 मार्च को दावा किया था, किउसकी सीमा से करीब 124 किलोमीटर अंदर पंजाब प्रांत के खानेवाल जिले के मियां चन्नू इलाके में भारत से एक सुपरसोनिक मिसाइल आकर गिरी थी। इस घटना पर खेद जताते हुए भारत सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं।
पाकिस्तानी सेना ने 9 मार्च को प्रेस कांफ्रेंस के जरिए दावा किया था, कि उसकी सीमा से करीब 124 किलोमीटर अंदर पंजाब प्रांत के खानेवाल जिले के मियां चन्नू इलाके में भारत से एक सुपरसोनिक मिसाइल आकर गिरी थी। इस मिसाइल को पाकिस्तान एयर डिफेंस सिस्टम ने ट्रेस किया था। भारत सरकार ने 11 मार्च को इस मामले में जवाब देते हुए स्वीकार किया है कि नियमित रखरखाव के दौरान तकनीकी खराबी के कारण मिसाइल अचानक फायर हो गई थी और गलती से पाकिस्तान के सुनसान इलाके में जा गिरी। इस घटना पर भारतीय रक्षा मंत्रालय ने खेद भी व्यक्त किया है।
पाकिस्तान ने भारत पर लगाए गंभीर आरोप
पाकिस्तान के मियां चन्नू में जहां भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल जाकर गिरी थी, वह जगह आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के घर बहावलपुर से केवल 160 किलोमीटर की दूरी पर है। इस घटना के बारे में मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार के अनुसार, शाम करीब 6:43 बजे पाकिस्तान वायु सेना के एयर डिफेंस ऑपरेशन सेंटर द्वारा भारत के क्षेत्र से पाकिस्तान की ओर आते हुए, एक तेज गति से उड़ने वाले ऑब्जेक्ट को देखा गया, जो करीब सात मिनट बाद चन्नू के पास गिर गया।
124 किमी प्रति घंटा थी सुपरसोनिक मिसाइल की स्पीड
मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार का कहना है कि पाकिस्तान ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और भारत से इस बारे में स्पष्टीकरण भी मांगा है। बाबर के अनुसार, भारत की सीमा से एक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट ने 124 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश किया था। जिसका हमने समय रहते पता लगाकर स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर के अन्तर्गत आवश्यक कार्रवाई की। मेजर जनरल बाबर ने यह भी बताया कि इस घटना के कारण कोई नुकसान नहीं हुआ है और न ही किसी व्यक्ति के मारे जाने की खबर मिली है।
पाकिस्तान की एयर डिफेंस ने किया था मिसाइल को ट्रैक
पाकिस्तान ने भारत पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि 9 मार्च को भारत की तरफ से एक 'सुपरसोनिक प्रोजेक्टाइल' फायर किया गया था। पाकिस्तान के अनुसार यह फ्लाइंग ऑब्जेक्ट एक सुपरसोनिक मिसाइल थी जो हरियाणा के सिरसा से फायर की गई थी, जिसे पाकिस्तान की एयर डिफेंस ने समय रहते ट्रैक कर लिया था।
पाकिस्तान ने भारत से मांगा स्पष्टीकरण
अचानक हुई इस घटना को लेकर पाकिस्तान ने दावा किया था कि इस सुपरसोनिक मिसाइल ने दोनों देशों के सीमा के करीब रह रहे लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया था। इस मामले में पाकिस्तान ने भारत से स्पष्टीकरण के साथ अचानक मिसाइल दागने का कारण भी पूछा था।
तकनीकी खराबी के कारण मिसाइल हो गई थी फायर
भारतीय रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उसने इस घटना की जांच का आदेश दे दिया है और कहा कि यह अच्छी बात रही कि अचानक गिरी मिसाइल के कारण किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। इसके अतिरिक्त यह भी बताया कि 9 मार्च, 2022 को नियमित रखरखाव के दौरान एक तकनीकी खराबी के चलते मिसाइल अचानक से फायर हो गई और वह सीधे पाकिस्तान के क्षेत्र में जा गिरी।
केंद्र सरकार ने दिए उच्च स्तरीय जांच के निर्देश
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय कोर्ट आफ इंक्वायरी का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने कहा कि यह पूरी घटना बेहद खेदजनक है, लेकिन राहत की बात यह है कि इस दुर्घटना में किसी की जान नहीं गई है।
मिसाइलों को लेकर भारत-पाकिस्तान का समझौता
भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2005 में बैलिस्टिक मिसाइलों के फ्लाइट टेस्ट की पूर्व सूचना पर एक समझौता हुआ था। जिसके मुताबिक, दोनों देशों को फ्लाइट टेस्ट करने के कम से कम तीन दिन पहले एक दूसरे को सूचित करना होता है। इसके अतिरिक्त प्रक्षेपण स्थल अंतरराष्ट्रीय सीमा या नियंत्रण रेखा से 40 किमी के अन्दर नहीं गिरना चाहिए और नियोजित प्रभाव क्षेत्र 75 किमी के भीतर नहीं आना चाहिए।
आइए जानते हैं ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत
भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का उत्पादन करता है, जिन्हें पनडुब्बियों, जलपोतों, विमान या भूतल पर स्थित प्लेटफॉर्मों से लांच किया जा सकता है। ब्रह्मोस को 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक माना जाता है, जो एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक अर्थात ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना ज्यादा की रफ्तार से लांच हो सकती हैं। इस मिसाइल की सटीकता इसे और ज्यादा घातक मिसाइल बनाती है। इसके अलावा, इसकी रेंज को भी बढ़ाया जा सकता है। यह मिसाइल 4,300 किमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से भी दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है। साथ ही, ये 400 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन पर सटीक निशाना लगा सकती है और दुश्मन के रडार से बच निकलने में भी इसे महारत हासिल है।