Rajya Sabha Election 2022: कांग्रेस ने वफादार और बाहरी नेताओं को दिए राज्यसभा टिकट, जी 23 से बनाई दूरी
Rajya Sabha Election: राज्यसभा के चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के चयन में कांग्रेस आलाकमान ने बाहरी लोगों पर भरोसा जताया है। पार्टी ने कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित चार राज्यों में जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, वहा गांधी परिवार के वफादारों को ही मैदान में उतारा है।
गांधी परिवार के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने रविवार को राज्यसभा चुनाव के लिए ऑल इण्डिया कांग्रेस के तीनों महासचिव- अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और मुकुल वासनिक को मैदान में उतारा। लेकिन दिग्गज और जी 23 के गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया।
राज्यसभा के चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के चयन में कांग्रेस आलाकमान ने बाहरी लोगों पर भरोसा जताया है। पार्टी ने कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित चार राज्यों में जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, वहा गांधी परिवार के वफादारों को ही मैदान में उतारा है।
कांग्रेस शासित राजस्थान की सभी तीन सीटें 'बाहरी लोगों' - सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को दी गई हैं, इस तथ्य को नजरंदाज करते हुए कि राज्य में चुनावी होने हैं और ऐसे में स्थानीय नेताओं को संतुष्ट रखना ज्यादा अनिवार्य हैं। दूसरे कांग्रेस शासित और चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में भी यही हाल है, यहां भी दोनों नामांकन बाहरी लोगों शुका (यूपी) और रंजीत रंजन (बिहार) के नाम कर दिए गए हैं।
महाराष्ट्र की अकेली कांग्रेस सीट यूपी के इमरान प्रतापगढ़ी को दी गई है। पी चिदंबरम और जयराम रमेश को क्रमशः गृह राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक से नामित किया गया है। कुल मिलाकर, पार्टी ने सभी क्षेत्रीय भावनाओं की अनदेखी करते हुए चार राज्यों से सात बाहरी लोगों को मैदान में उतारा है।
कुछ ऐसे भी लोग रहे जिनके नामों पर चर्चा तो हुई, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। वे हैं एआईसीसी डेटा एनालिटिक्स विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी शैलजा, एआईसीसी महासचिव जितेंद्र सिंह और अविनाश पांडे। एआईसीसी के प्रवक्ता पवन खेरा, ने तो राज्यसभा टिकट न मिलने पर अपनी निराशा जताते हुए एक अप्रत्यक्ष ट्वीट किया, जिसमें कहा गया , “शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई।"
दिलचस्प बात यह है कि पार्टी ने हरियाणा की दलित-महिला चेहरा कुमारी शैलजा को भी नामांकन से वंचित कर दिया है, जिन्हें हाल ही में वरिष्ठ नेता बीएस हुड्डा की वजह से प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। इस तरह के कदम साफ संकेत दे रहे है कि गांधी परिवार अपने वफादारों पर मेहरबान है।