नीट के एग्जाम में बैठने वाले छात्रों को बड़ी राहत, NEET के लिए अब न्यूनतम अंक की बाध्यता नहीं

कक्षा 12वीं में बायोलॉजी विषय लेने वाले स्टूडेंट मेडिकल पढ़ाई के लिए नीट परीक्षा में बैठते हैं. अब छात्र पासिंग परसेंटेज के आधार पर ही नीट परीक्षा में आसानी से बैठ पाएंगे.

June 13, 2023 - 19:51
June 17, 2023 - 17:17
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नीट के एग्जाम में बैठने वाले छात्रों को बड़ी राहत, NEET के लिए अब न्यूनतम अंक की बाध्यता नहीं
NEET Exam

अब नीट के एग्जाम में बैठने के लिए छात्रों को बड़ी राहत दी गई है. दरअसल राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने कुछ नए नियम लागू किए हैं. नीट परीक्षा में बैठने के लिए अब स्टूडेंट पर न्यूनतम अंक की बाध्यता नहीं होगी. इसका मतलब ये हुआ कि पासिंग परसेंटेज के आधार पर वे नीट परीक्षा में आसानी से बैठ पाएंगे. इसके साथ ही नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा उम्र के प्रावधान में भी संशोधन कर 1 माह की अवधि बढ़ा दी गई है. इस संशोधन के मुताबिक 31 जनवरी तक स्टूडेंट की आयु 17 साल की पूरी होनी चाहिए. ज़्यादा से ज़्यादा विद्यार्थी परीक्षा में बैठ जाएं इसलिए यह नए संशोधन किए गए हैं. मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के बाद अधिकतम 9 वर्ष में एमबीबीएस की पढ़ाई ख़त्म करना ज़रूरी होगा.  

काउंसिलिंग के अलावा, अलग तरह से प्रवेश पर कॉलेजों को लगेगा जुर्माना

नए संशोधनों के अंतर्गत मेडिकल कॉलेजों पर भी नए नियम लागू किए गए हैं. इसके मुताबिक़ कॉलेज अगर स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के अलावा किसी अन्य तरीके़ से एडमिशन देता है तो कॉलेज को 1 करोड़ रुपए या पूरे पाठ्यक्रम के दौरान लिए जाने वाली फीस (जो भी ज़्यादा हो) को बतौर जुर्माना भरना होगा. यदि कॉलेज दूसरी बार यह करते पाया जाता है तो जुर्माने के साथ ऐसी सीटों की संख्या के दोगुनी सीटों को हटा दिया जाएगा.

काउंसलिंग में समान रैंक होने पर मार्क्स के आधार पर चयन होगा

नीट परीक्षा में सफल हुए दो या दो से अधिक कैंडिडेट की समान रैंक आती है तो फ़िजिक्स के बाद केमिस्ट्री और बायोलॉजी में प्राप्त अंकों के आधार पर वरीयता दी जाएगी. यदि अंक भी बराबर होते हैं तो कंप्यूटर के जरिए ड्रॉ निकालकर कैंडिडेट को चयनित किया जाएगा.

एमबीबीएस की पढ़ाई के पांचवे साल देना होगा नेशनल एग्जिट टेस्ट

NMC ने साल 2024 के लिए नेशनल एग्जैक्ट ट्रस्ट (NEXT) को लागू करने का निर्णय लिया है। यह टेस्ट मेडिकल स्टूडेंट को एमबीबीएस के पांचवे साल में देना होगा. इस टेस्ट को पास करने वाले स्टूडेंट को पीजी के लिए अलग से इंट्रेंस टेस्ट देने की आवश्यकता नहीं होगी. यह नियम विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई कर कर आए हुए कैंडिडेट पर भी लागू होंगे.

Harish Sahu छत्तीसगढ़ का निवासी हूँ. फ़िलहाल जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहा हूँ. लिखने की कोशिश में लगा हुआ हूँ.