U19 World Cup: जानिए कौन है? अंडर-19 विश्व कप में शिखर का रिकॉर्ड तोड़ने वाला राज बावा

Who is Raj Angad Bawa: क्रिकेटर युवराज सिंह के बचपन के कोच के बेटे राज अंगद बावा वेस्टइंडीज में खेले जा रहे अंडर-19 विश्व कप में अपने खेल के दम पर नाम बना रहे हैं।

January 24, 2022 - 04:49
June 25, 2022 - 04:08
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U19 World Cup: जानिए कौन है? अंडर-19 विश्व कप में शिखर का रिकॉर्ड तोड़ने वाला राज बावा
Under 19 World Cup: भारतीय क्रिकेटर राज बावा ने नाबाद 162 रनों की पारी खेली. (फोटो साभार-@BCCI)

भारतीय सीनियर क्रिकेट टीम जहां अपने प्रदर्शन से फिलहाल क्रिकेट फैंस को निराश कर रही है, वहीं भारतीय अंडर-19 टीम जीत के रथ पर सवार है। 14 जनवरी से शुरू हुए अंडर-19 विश्व कप में टीम इंडिया ने अपने पहले मैच में साउथ अफ्रीका को हराकर शंखनाद किया और लीग के अपने आखिरी मैच में यूगांडा की टीम को 326 रनों के बड़े अंतर से हराया। हालांकि इस जीत के कई नायक हैं, परंतु प्रमुख नायकों में से एक हैं 'राज बावा'। राज बावा ने मैच में 162 रनों की नाबाद पारी खेली और टीम को 405 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा करने में अहम योगदान दिया।

एक्टर बनना चाहते थे राज अंगद बावा

चंडीगढ़ के रहने वाले राज अंगद बावा को कभी एक्टर बनने का शौक था, लेकिन घर में खेल का माहौल होने की वजह से गेंद और बल्ले ने बावा का हाथ थाम लिया था। बता दें कि राज बावा के दादा त्रलोचन बावा ओलिंपिक हॉकी मेडलिस्ट थे और 1948 लंदन ओलिंपिक गेम्स में भारतीय टीम का हिस्सा थे। वहीं राज के पिता सुखविंदर भी हरियाणा जूनियर टीम के लिए हॉकी खेलते थे। बाद में उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया और 1988 में वे अंडर-19 कैम्प के लिए भी चुने गए, लेकिन चोट लगने की वजह से उन्होंने महज 22 साल की उम्र में अपना खेल छोड़कर क्रिकेट कोच बनने की तरफ रुख कर लिया।

राज बावा ने तोड़ा शिखर धवन का रिकॉर्ड

19 साल के राज बावा तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर हैं। अंडर-19 विश्व कप के पहले मैच में बावा ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 4 विकेट लिए थे और यूगांडा के खिलाफ 106 गेंदों में 162 रनों की धमाकेदार पारी खेली। राज बावा ने इस पारी के साथ ही भारतीय टीम के गब्बर यानि शिखर धवन का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। बावा से पहले शिखर 2004 अंडर-19 विश्व कप में स्कॉटलैंड के खिलाफ 155 रन बनाकर अंडर-19 विश्प कप में भारत केे लिए सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाने वाले खिलाड़ी बने थे।

राज के पिता सुखविंदर कहते हैं, 'एक साल तक, मैंने उसके पैरों की लैंडिंग पर काम किया। उसका एक्शन थोड़ा चोट को आमंत्रित करने वाला था, और एक बार यह ठीक हो जाने के बाद मैंने उसेसे कहा, 'सुनो अब समय आ गया है कि गेंदबाजी को पीछे छोड़कर अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करो।' खुद को ऑलराउंडर बताने वाले राज अपनी स्किल्स का क्रेडिट पिता को देते हैं। बकौल राज, 'मेरे पिता समझते हैं कि मैं नेचुरली एक पेसर हूं इसलिए वह मेरी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहते थे। चोटिल होने के डर से शुरुआत में मैंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी शुरू की। मगर पंजाब अंडर-16 के लिए विजय मर्चेंट ट्रॉफी कैंप में फिर से तेज गेंदबाजी शुरू की। आखिरकार वह पकड़ में आ ही गई।'

BY:- Shaba Praveen

Praween Yadav आपकी आवाज़ में दम होगा, तो लोग दूर तक सुनेंगे लेकिन अगर आपकी बात में दम होगा तो लोग देर तक सुनेंगे