Wrestlers' Protest: पहलवानों पर जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है। उसमें कितनी हो सकती है सजा?

दिल्ली पुलिस ने पहलवानों और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ धारा 3 के तहत प्रिवेन्शन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट का उपयोग करते हुए केस दर्ज किया है।इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के दोषी पाया जाता है, तो उसे 5 साल की कारावास और जुर्माने की सजा होगी।

May 30, 2023 - 16:55
July 12, 2023 - 13:04
 0
Wrestlers' Protest: पहलवानों पर जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है। उसमें कितनी हो सकती है सजा?
Wrestlers' Protest

दिनांक 23 अप्रैल से पहलवानों ने जंतर-मंतर पर एक धरना प्रारंभ किया था जिसका उद्देश्य था बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रतिबंध यात्रा करना। इस धरने के पीछे का मुद्दा था कि बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों ने गंभीर आरोप लगाए हैं जिसमें नाबालिग और कई महिला खिलाड़ियों को यौन शोषण करने का आरोप शामिल था। इस मामले में बृजभूषण पर दो एफआईआर दर्ज की गई हैं।

पहलवानों ने इस विषय में अपने आरोपों को बढ़ावा देने के लिए धरने पर अपनी मांगें रखीं। वे न्याय प्राप्त करने के लिए सरकार और पुलिस से इस मामले की गंभीरता को समझने और इस पर कार्रवाई करने की अपील की। पहलवानों का मानना था कि इस प्रकार के अपराधों के लिए सख्त सजा का होना चाहिए ताकि खिलाड़ियों के साथ अन्याय न हो। यह आंदोलन सार्वजनिक जगह पर एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उजागर करने का माध्यम बना।

दिल्ली पुलिस ने आगामी रविवार को जंतर-मंतर पर हुई घटना के मामले में पहलवानों और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया है, जैसा कि उन्होंने बताया। इस मामले में आईपीसी (भारतीय दण्ड संहिता) की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने इसके अलावा पहलवानों और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अन्य जुर्माने और कानूनी कार्रवाई की संभावना को भी दिखाया है। यह इन सभी व्यक्तियों के विरुद्ध आरोपों के अध्ययन पर आधारित है, जो कि जंतर-मंतर पर हुई घटना के संबंध में हैं। इसमें पुलिस अभी तक अधिकारिक विवरण जारी नहीं की है, लेकिन यह व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया है कि केस दर्ज किए गए हैं और जांच जारी है।

किन धाराओं में हुआ केस दर्ज, क्या सजा हो सकती है ?

धारा 188: यदि कोई व्यक्ति सरकारी आदेश का उल्लंघन करने के दोषी पाया जाता है, तो उसे एक महीने की जेल या 200 रुपये का जुर्माना या दोनों के लिए सजा हो सकती है.

-धारा 186: यदि कोई सरकारी अफसर या कर्मचारी किसी काम में जानबूझकर बाधा डालता है, तो उसे तीन महीने की जेल या 500 रुपये का जुर्माना या दोनों के लिए सजा हो सकती है.

-धारा 147: यदि किसी व्यक्ति को बलवा करने का दोषी पाया जाता है, तो उसे दो साल की जेल या जुर्माना या दोनों के लिए सजा हो सकती है.

-धारा 149: के अनुसार, जब बलवा करने के दौरान लोग शामिल होते हैं, तो सभी उन्हीं लोगों को समान अपराध के दोषी माना जाता है। इसका अर्थ है कि जब भी किसी व्यक्ति या समूह द्वारा बलवा किया जाता है और उस क्रिया के दौरान कोई अपराध किया जाता है, तो इस अपराध का दोष उन सभी शामिल लोगों पर लगाया जाएगा, चाहे वे अपराध करने में साझेदार थे या नहीं।

-धारा 332: अगर किसी व्यक्ति द्वारा सरकारी सेवक को काम करने से डराया या धमकाया जाता है, तो उस व्यक्ति को दोषी माना जाता है और उसे तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों के सजा का पात्र हो सकता है.

-धारा 353: अगर किसी व्यक्ति द्वारा सरकारी सेवक को जानबूझकर डराने या धमकाने के मकसद से हमला किया जाता है, तो उस व्यक्ति को दोषी माना जाता है और उसे दो साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों के सजा का पात्र हो सकता है.

इस धारा में होती है 5 साल तक की जेल 

दिल्ली पुलिस ने पहलवानों और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ धारा 3 के तहत प्रिवेन्शन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट का उपयोग करते हुए केस दर्ज किया है।

इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के दोषी पाया जाता है, तो उसे 5 साल की कारावास और जुर्माने की सजा होगी।