रोहिणी कोर्ट शूटआउट में शामिल तीन गैंगस्टरों ने गोगी की हत्या के बाद सरेन्डर करने की बनाई थी योजना
तिहाड़ जेल में बंद टिल्लू इंटरनेट कॉलिंग के जरिए शूटआउट की खबर रख रहा था। उसका और उसके साथियों का प्लान था कि वह जज के सामने सरेन्डर कर देंगे, और पुलिस के एनकाउंटर से बच जायेंगे।
रोहिणी कोर्ट में बीते शुक्रवार को खुलासा हुआ कि मंडोली जेल में बंद टिल्लू गैंगस्टर अपने बाकी बदमाश साथियों से संपर्क में था। शूटआउट से पहले और बाद, टिल्लू इंटरनेट कॉलिंग के जरिए सब हालात जान लेता था। और उसी हिसाब से आगे का मास्टरप्लान बना लेता था।
सूचना के मुताबिक, टिल्लू तिहाड़ जेल के अंदर बैठकर इंटरनेट कॉलिंग सुविधा की मदद से अपने साथियों की पल-पल की खबर ले रहा था। वह साथ ही उन्हें आगे की वारदात की साजिश की सूचना और संकेत भी दे रहा था।
और अपने साथियों की मदद से गोगी की हत्या की साजिश में सफ़ल भी हुआ।
जब अदालत की सुनवाई के लिए गैंगस्टर जितेंद्र गोगी को कोर्ट में पेश किया जा रहा था तभी प्रतिद्वंद्वी "टिल्लू गिरोह" के सदस्यों ने वकीलों के रूप में कोर्ट में प्रवेश किया, और अचानक गोलियां चला दीं। खबरों की मानें तो गोगी को तीन गोलियां लगीं, और उसने वहीं दम तोड़ दिया। गैंगस्टर को एस्कॉर्ट कर रहे स्पेशल फोर्स के जवानों ने उसी समय फायरिंग करना शुरू कर दिया, जिसमें दोनों हमलावर जयदीप उर्फ जग्गा और राहुल त्यागी मौके पर ही मारे गए।
उमंग और विनय, टिल्लू गिरोह के सदस्यों का कहना है कि उन्होंने ही इस पूरी साजिश को निष्पादित किया है। बस उनकी साजिश में इन दोनों का मरना नहीं तय हुआ था। बल्कि, ये गोलीबारी कोर्ट में इसलिए की गई थी, ताकि गोगी की हत्या भी हो जाए, और ये सभी पुलिस के एनकाउंटर से भी बच जाएं। उमंग ने कहा- "हमारी योजना थी कि कोर्ट रूम में जज के सामने वारदात को अंजाम देंगे तो पुलिस हमारा एनकाउंटर नहीं करेगी। वो अलग बात है कि जैसा सोचा वैसा पूरी तरह नहीं हो पाया। हम आगे से और सावधान रहेंगे।"
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