'देख लीजिए बिहारी क्या कुछ कर सकता है' : जानिए शुभम की लक्ष्य प्राप्ति की योजना और सफलता
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज़ की परीक्षा में बिहार के शुभम कुमार ने टॉप कर अपना लक्ष्य प्राप्त किया। गांव में भव्य स्वागत के बाद मंच पर जब शुभम ने अपने मन की बात कही।
यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में प्रथम रैंक लाने वाले शुभम कुमार का गांव में भव्य स्वागत किया गया। स्वागत के बाद शुभम ने मंच के द्वारा अपनी सफलता के सफर को अपने शब्दों में बयां किया। शुभम ने कहा कि “जब में अपनी ट्रैनिंग के लिए अकडेमी में गया था तो वहां यूपीएससी क्रैक कर चुके लोग बैठे थे। उन्होंने मुझसे पूछा कि शुभम तुम्हारी मातृभाषा क्या है ? तुम हिन्दी क्यूं बोलते हो ? इसके जवाब में मैंने कहा की मैंने कभी अपनी मातृभाषा सीखी ही नहीं।” वहाँ बैठे लोगों के लिए हिन्दी दूसरी भाषा के रूप में थी, इसके अलावा उनकी अपनी-अपनी मातृभाषा थी, जिस पर वो लोग गर्व करते है।" इसके संदर्भ में शुभम ने कहा की इसी तरह हमें भी संस्कृत पर गर्व होना चाहिए।
उन्होंने मंच पर सभी बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि हमें अपनी मातृभाषा के साथ-साथ दूसरी भाषाओं में भी अपनी कुशलता हासिल करनी चाहिए। साथ में उन्होंने ये भी कहा कि “एक बिहारी सब पर भारी’’। देश की सबसे कठिन परीक्षा को पास कर शुभम ने इस कथन को सही साबित कर दिया है।
शुभम ने बताया की जैसे ही उन्होंने 2018 में आईआईटी बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की उसके तुरंत बाद उन्होंने अपनी सबसे पहली यूपीएससी की परीक्षा दी थी। उन्होंने परीक्षा की तैयारी के समय कोई नोकरी नहीं की और उन्होंने अपना सारा ध्यान केवल यूपीएससी की परीक्षा पर केंद्रित रखा। तीन प्रयासों के बाद उनका यूपीएससी का सपना पूरा हुआ है।
24 साल के शुभम ने यूपीएससी में टॉप कर अपना, अपने परिवार और गाँव का नाम रोशन किया है। पिछले साल उन्होंने इसी परीक्षा में 290वा स्थान हासिल किया था। हाल ही में वे अभी पुणे में इंडियन डिफेन्स अकाउंट सर्विसेज में ट्रैनिंग ले रहे हैं।
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