Rajasthan News: राम मंदिर गंगाजल विवाद में उलझे ज्ञानदेव आहूजा, भाजपा से निलंबित, तीन दिन में मांगा जवाब
Rajasthan News: अलवर स्थित राम मंदिर में गंगाजल से “शुद्धिकरण” करने को लेकर विवादों में घिरे पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को भारतीय जनता पार्टी ने प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।

Rajasthan News: अलवर स्थित राम मंदिर में गंगाजल से “शुद्धिकरण” करने को लेकर विवादों में घिरे पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को भारतीय जनता पार्टी ने प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। मंगलवार सुबह भाजपा प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस के अनुसार, आहूजा को तीन दिन के भीतर प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को लिखित स्पष्टीकरण देना होगा, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस में अनुशासनहीनता का आरोप
भाजपा की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि ज्ञानदेव आहूजा पार्टी के सदस्य हैं और पूर्व में पार्टी के टिकट पर विधायक भी रह चुके हैं। उन्हें जाति, धर्म या मजहब के आधार पर भेदभाव न करने की शपथ दिलाई गई थी। इसके बावजूद उन्होंने अलवर के राम मंदिर में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की पूजा का विरोध करते हुए मंदिर में गंगाजल से छिड़काव किया, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है। यह कार्य ‘घोर अनुशासनहीनता’ की श्रेणी में आता है।
भाजपा ने आहूजा को याद दिलाया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास (1989) में पहली शिला दलित समाज के कामेश्वर चौपाल ने रखी थी, जो पार्टी की समावेशी सोच का प्रतीक है।
पार्टी से मिली दूरी, विवाद में आहूजा का यूटर्न
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने स्पष्ट किया कि पार्टी का इस बयान और कृत्य से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, “भाजपा ऐसी मानसिकता में विश्वास नहीं रखती है।” उन्होंने व्यक्तिगत रूप से आहूजा से बात कर बयान को अनुचित बताया।
वहीं विवाद गहराने पर ज्ञानदेव आहूजा ने सफाई दी कि उनका इरादा किसी दलित का अपमान करने का नहीं था। उन्होंने कहा, “मैं दलितों का समर्थक हूं। मेरी आपत्ति कांग्रेस की दोहरी सोच को लेकर थी, ना कि किसी जाति विशेष से।”
राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं
विपक्ष ने इस घटना को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “यह न केवल मेरी व्यक्तिगत आस्था पर हमला है, बल्कि यह छुआछूत और सामाजिक अन्याय को बढ़ावा देने वाला विचार है।”
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “21वीं सदी में ऐसी संकीर्ण मानसिकता अस्वीकार्य है। भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह ऐसी सोच से सहमत है?”
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी लिखा, “दलित, किसान, महिलाए- भाजपा इन सबसे नफरत क्यों करती है? राज्य की जनता इसका जवाब देगी।”
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
इस पूरे प्रकरण को दलित स्वाभिमान से जोड़ते हुए कांग्रेस ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन की घोषणा की है। विरोध की शुरुआत अलवर से हो चुकी है और आगे यह आंदोलन और तेज होने की संभावना जताई जा रही है।
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