Rajasthan Politics: मदन दिलावर का गहलोत और डोटासरा पर तीखा हमला, कहा- बीजेपी सरकार में नहीं है ‘लूट की छूट’
Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बीजेपी सरकार पर पंचायत

Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बीजेपी सरकार पर पंचायत एवं नगरीय निकायों के पुनर्गठन को लेकर लगाए गए आरोपों पर जवाब देते हुए राज्य के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने जोरदार पलटवार किया है। गहलोत ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार नियमों को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से पुनर्गठन कर रही है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दिलावर ने कहा, “गहलोत साहब कान खोलकर सुन लें, यह बीजेपी की सरकार है, कांग्रेस की तरह ओछी राजनीति नहीं करती।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में पक्षपात किया था हिंदू बहुल वार्डों को बड़ा और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों को छोटा करके विभाजन किया गया। दिलावर ने दावा किया कि मौजूदा सरकार ने हर वर्ग के लिए एक समान और न्यायसंगत नीति अपनाई है।
वैज्ञानिक मापदंड के अनुसार पंचायतों का पुनर्गठन
दिलावर ने बताया कि पंचायतों के गठन में वैज्ञानिक और तर्कसंगत मानदंड अपनाए गए हैं। नई नीति के अनुसार:
- प्रत्येक ग्राम पंचायत की न्यूनतम जनसंख्या सीमा 3000 तय की गई है, जिसमें 15% का लचीलापन रखा गया है।
- रेगिस्तानी जिलों में यह सीमा 2000 तय है, जिसमें 20% तक का विचलन संभव है।
- यदि कोई गांव मुख्य पंचायत से 6 किलोमीटर से अधिक दूर है और उसकी जनसंख्या न्यूनतम सीमा से कम है, तो ऐसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडलीय समिति को विशेष निर्णय का अधिकार होगा।
डोटासरा पर भी साधा निशाना
मदन दिलावर ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “गहलोत सरकार ‘अलीबाबा और 40 चोरों’ की तरह चल रही थी, जिसमें कई मंत्री और RPSC सदस्य जेल में हैं और आगे और भी होंगे।” उन्होंने दावा किया कि CAG रिपोर्ट के अनुसार डोटासरा पर 1705 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, उन पर शिकंजा और कसता जाएगा।
पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर
मदन दिलावर ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा सरकार पारदर्शिता, जवाबदेही और जनकल्याण के मूल सिद्धांतों पर काम कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “यहां किसी मंत्री या विधायक को खुली छूट नहीं दी गई है। यह कांग्रेस की तरह ‘लूट की छूट’ वाली सरकार नहीं है, बल्कि संविधान और कानून के अनुरूप शासन है।”
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