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Gopal Das Neeraj: कारवां गुज़र गया गुबार देखते रहे

स्वप्न झरे फूल से मीत चुभे शूल से लुट गए सिंगार सभी बाग़ के बबूल से और हम खड़...

Gopal Das Neeraj: गोपालदास "नीरज" की कविता 'कुछ सपनों ...

Gopal Das Neeraj: छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों कुछ सपनों ...

Gopal Das Neeraj: गोपालदास "नीरज" की कविता 'कुछ सपनों ...

Gopal Das Neeraj: छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों कुछ सपनों ...