स्वप्न झरे फूल से मीत चुभे शूल से लुट गए सिंगार सभी बाग़ के बबूल से और हम खड़...
Gopal Das Neeraj: छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों कुछ सपनों ...
भूल जाऊं तुझे और आगे का सफ़र अकेले पूरा करूं" मुझे नहीं पता ये पंक्तियां किसकी ह...
हम सब यादों और अधूरे किस्सो का जिक्र करते है, ऐसे ही एक अधूरे किस्से का जिक्र है...