Assam-Meghalaya Border Dispute: असम मेघालय विवाद थोड़ा सुलझा थोड़ा अभी भी बाकी
केंद्रीय गृह मंत्री ने इसे पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि दोनों राज्यों के मध्य अधिकांश मुद्दों को सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा, “आज असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराना लंबित सीमा विवाद सुलझ गया है. विवाद के 12 में से 6 बिंदुओं को सुलझा लिया गया है, जिसमें लगभग 70% सीमा शामिल है. शेष 6 बिंदुओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा.”
हाल ही में असम व मेघालय के बीच 50 साल से चला आ रहा पुराना विवाद हल हो गया है.असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने पिछले मंगलवार (29 मार्च ) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में अंतर्राज्यीय सीमा मुद्दों के समाधान के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
वहीं दूसरी ओर, केंद्रीय गृह मंत्री ने इसे पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि दोनों राज्यों के मध्य अधिकांश मुद्दों को सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा, “आज असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराना लंबित सीमा विवाद सुलझ गया है. विवाद के 12 में से 6 बिंदुओं को सुलझा लिया गया है, जिसमें लगभग 70% सीमा शामिल है. शेष 6 बिंदुओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा.”
किन किन क्षेत्रों को लेकर था विवाद
असम - मेघालय के बीच जिन 12 क्षेत्रों को लेकर विवाद था, उनमें गजांग रिजर्व फॉरेस्ट, ऊपरी ताराबरी , हाहिम,बोरदुआर, लंगपीह, नोंगवा, बोकलापारा, मातमूर, खानापारा-पिलंगकाटा, खंडुली ,देशदेमोरिया ब्लॉक I और ब्लॉक II, और रेटाचेरा शामिल हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन सभी जगहों पर असम - मेघालय अपना-अपना दावा करते थे.
क्या था विवाद ?
असम- मेघालय आपस में 885 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं .साल 1972 में असम से अलग करके मेघालय को बनाया गया था. दोनों राज्यों के बीच 12 जगहों को लेकर विवाद था. जहां पर असम व मेघालय दोनों ही अपना-अपना दावा करते थे.
असम-मेघालय के बीच विवाद का एक बड़ा कारण लंगपीह को लेकर था. अंग्रेजों के शासन के समय में लंगपीह असम के कामरूप जिले का हिस्सा हुआ करता था. लेकिन आजादी के बाद यह पश्चिमी खासी हिल्स का हिस्सा बन गया जो बाद में मेघालय के पास चला गया. वहीं असम यह दावा करता है कि यह उसकी मिकिर हिल्स का हिस्सा है. इसके अलावा भी देशदेमोरिया ब्लॉक I और ब्लॉक II, को लेकर भी दोनों राज्यों के बीच विवाद है. यह दोनों भी असम के ही हिस्से में हैं लेकिन इन पर भी मेघालय अपना दावा करता है.
सीमा विवाद के कारण हो चुकी है हिंसक झड़प
सीमा विवाद को लेकर भी दोनों राज्यों के बीच हिंसक झड़पें हो चुकी हैं. 14 मई 2010 को असम के लंगपीह इलाके में असम पुलिस के जवानों की गोलाबारी में खासी समुदाय के 4 ग्रामीण मारे गए थे जबकि 12 लोग घायल हो गए थे. वहीं 26 जुलाई 2021 की हिंसा अब तक की सबसे बड़ी हिंसा थी.इसमें असम पुलिस के 6 जवान मारे गए थे और दोनों राज्यों के लगभग 100 लोग घायल हो गए थे.
क्या सुलझ गया विवाद ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी पूरा विवाद सुलझा नहीं है. 12 में से 6 जगहों पर ही विवाद सुलझा है. उन जगहों में हाहिम, गजांग, ताराबरी, बोकलापारा, रेटाचेरा और खानापारा -पिलंगकाटा शामिल है. इन सभी जगहों का दायरा 36. 89 वर्ग किलोमीटर है जिसमें से 18.51 वर्ग किमी का हिस्सा असम को तथा 18.28 वर्ग किमी का हिस्सा मेघालय को मिला है. हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि दोनों राज्यों के बीच 70% सीमा विवाद सुलझ गया है.