फॉइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने किया ऐलान, बैड बैंक के लिए सरकार ने मंजूर किए 30,600 करोड़ रुपये
नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड को 30,600 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल गई है,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इससे बैंकों की स्थिति में सुधार होगा।
नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL)को साधारण भाषा में बैड बैंक कहा जाता है, जिसका काम सभी बैंकों के फंसे हुए कर्जों को अधिग्रहण करना होता है। बैंकों के फंसे कर्जों को बैंक की भाषा में नॉन प्रॉफिट एसेट (एनपीए) कहा जाता है। बैड बैंक हर तरह के ख़राब असेट को अच्छी असेट में बदलता है।
भारत सरकार ने बैंकों की हालत को देखते हुए देश में बैड बैंक को लाने का फैसला लिया है, जिसके लिए कैबिनेट ने 30,600 करोड़ रूपये देने का फैसला किया है। जिसको देखते हुए नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड ने सिक्योरिटी रिसिट को मंज़ूरी दे दी है। नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड बैंकों के फंसे हुए कर्ज़ को 15 फ़ीसद नक़द देकर ख़रीद लेती है, और 85 फीसद सिक्योरिटी रिसिट के तौर पर होता है।
बैड बैंक ने रिकवर किये 5 लाख करोड़ रुपए:
फॉइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने बैड बैंक का ऐलान करते हुए कहा कि 5 लाख करोड़ रूपए बीते 6 सालों में बैंकों ने रिकवर किये हैं। जिसमें से मार्च 2018 में 3.1 लाख करोड़ रूपए रिकवर किये गए हैं। सरकार की गारंटी कंपनी को सिक्योरिटी रिसिप्ट पर मिलेगी, बैंकों के कर्ज़ को कंपनी इसी आधार पर खरीदेगी।
नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड(NARCL) की स्थापना जुलाई के महीने में की गयी थी:
नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड की स्थापना जुलाई के महीने में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में रजिस्ट्रेशन के द्वारा की गई। पिछले महीने ही इंडियन बैंक एसोसिएशन ने रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया को लेटर के जरिये 6 हज़ार करोड़ के नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड की मांग की थी। सूत्रों की माने तो कंपनी ने 100 करोड़ रुपए जमा कर लिए हैं, और एसेट रीकंस्ट्रक्शन बिजनेस के लाइसेंस के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया में आवेदन दे दिया है।
बैड बैंक क्या होता है?
नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड को साधारण भाषा में बैड बैंक कहा जाता है, जिसका काम सभी बैंकों के फंसे हुए कर्जों को अधिग्रहण करना होता है। बैड बैंक हर तरह के ख़राब असेट को अच्छी असेट में बदलता है। जैसे कि जब कोई इंसान या कंपनी किसी बैंक से लोन लेता है तो ये ज़रुरी नहीं कि वह इंसान या कंपनी लोन की हर क़िस्त वक़्त से जमा कर दे। कभी कभी तो ऐसा भी होता है कि कोई इंसान या कंपनी पूरा लोन भी नहीं चुकाती है। ऐसे में बैड बैंक अपना काम शुरु करता है।