बालिग को अपना जीवनसाथी चुनने का पूर्ण अधिकार, परिजन भी नहीं कर सकते हस्तक्षेप: इलाहाबाद हाईकोर्ट

बालीग को अंतर-धर्म विवाह करने का पूरा अधिकार, परिवार भी नहीं कर सकता हस्तक्षेप।

September 17, 2021 - 19:35
December 10, 2021 - 08:48
 0
बालिग को अपना जीवनसाथी चुनने का पूर्ण अधिकार, परिजन भी नहीं कर सकते हस्तक्षेप: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दूसरे धर्म में शादी करने वालों के लिए अहम फैसला सुनाया हैं। कोर्ट ने कहा कि, बालिग व्यक्ति को अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने का पूर्ण रूप से अधिकार हैं, और ऐसे में उनके वैवाहिक जीवन में कोई भी हस्तक्षेप या आपत्ति नहीं जता सकता। कोर्ट ने आगे अपना निर्णय सुनाते हुए कहा, अगर दो अलग-अलग धर्मों के बालिगों की यदि शादी करने की ईच्छा हैं तो उसमें उनके माता-पिता भी दखलअंदाजी नहीं कर सकते और ऐसे में यदि वे पुलिस से सुरक्षा कि मांग करते हैं तो पुलिस को उनको सुरक्षा प्रदान करनी होगी। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट ने ये फैसला शिफा हसन नाम की एक महिला द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनाया हैं। दरअसल, शिफा हसन मुस्लिम धर्म से संबंध रखती हैं वहीं, उनके प्रेमी हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं। शादी करने के पश्चात उन्होंने जिलाधिकारी से हिंदू धर्म अपनाने कि अनुमति मांगी। जिलाधिकारी के पुलिस से इस संदर्भ में रिपोर्ट मांगने पर खुलासा हुआ कि दोनों ही पक्षों के परिवार इस शादी के लिए राज़ी नहीं हैं।

अपनी और अपने पति कि जान पर खतरा महसूस करने पर शिफा ने कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय कि मांग की। कोर्ट ने महिला के पक्ष में अपना फैसला सुनाया और पुलिस को उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश भी पारित किए हैं। जस्टिस एमके गुप्ता और दीपक वर्मा कि बेंच ने अपने फैसले में बहुत हीं स्पष्ट रूप से कहा की बालिगों को अपना जीवनसाथी चुनने का पूरा अधिकार हैं और ऐसे में उनकी पसंद या वैवाहिक सम्बन्धों पर परिवार को भी आपत्ति  जताने का कोई अधिकार नहीं हैं।

The LokDoot News Desk The lokdoot.com News Desk covers the latest news stories from India. The desk works to bring the latest Hindi news & Latest English News related to national politics, Environment, Society and Good News.