दवाईयों की कीमतों में हो सकती है 10-20 प्रतिशत तक की वृद्धि

कच्चे माल की आपूर्ति के कारण लगातार बढ़ रहे हैं दवाइयों के दाम, फार्म कंपनियों के मुताबिक और भी वृद्धि देखने को मिल सकती है।

Oct 21, 2021 - 05:34
December 10, 2021 - 12:02
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दवाईयों की कीमतों में हो सकती है 10-20 प्रतिशत तक  की वृद्धि
Image Source: nenow.com

यूं तो पेट्रोल, डीजल के लगातार बढ़ते दामों ने पहले से ही जनता की नाक में दम कर रखा हैं और अब दवाइयों के तेज़ी से बढ़ते रेट भी उनकी मुसीबत को दोगुना करने के लिए तैयार हैं। दरअसल, कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि होने के कारण शुगर, बीपी, हृदय, पेन किलर , एंटीबायोटिक दवाइयां 10-20 प्रतिशत महंगी होने के आसार हैं। बता दें कि चीन में कोल क्राइसिस के चलते बहुत सी फैक्ट्रियां और कारखाने बंद होने की कगार पर हैं, जिस कारण वहां से आने वाले माल की सप्लाई भी घट गई है। वहीं चीन के अंदर अभी भी कच्चे माल की काफी आपूर्ति है, जो की सीधे ना होकर नेपाल और मलेशिया जैसे देशों से हो रही है, इस कारण भी दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसके अलावा तेल की लगातार बढ़ रही कीमतों के चलते भी कंपनियों ने दवाईयों की कीमतों में इजाफा किया है। हालत इतनी गंभीर हैं की पुरानी दरों पर बुक किए गए ऑर्डर भी सप्लाई नहीं हो पा रहे हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल के भीतर दवाइयों के दामों में यह तीसरी बार बढ़ोतरी देखी गई है। जिन दवाओं की कीमत 70-80 रुपए हुआ करती थी अब उन्हें भी 170 रुपए के दाम पर बाजार में बेचा जा रहा हैं। एक अहम बात यह है कि पैरासिटामॉल के कच्चे  माल की कीमत भी 15-20 प्रतिशत तक बढ़ गई है। फार्म कंपनियों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कच्चे माल और पेट्रोलियम पदार्थों में बढ़ोतरी का और भी असर देखने को मिल सकता है।

वहीं ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि, दवाइयों को ब्लैक में बेचने पर या निर्धारित दामों से अधिक मूल्य पर बचने पर राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण को कारवाई करने का अधिकार है। हालांकि फिलहाल ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।